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दस हजार बच्चों पर इन बीमारियों का कहर, आप भी अपनी संतान को लेकर रहिए सावधान

locationरीवाPublished: Jul 22, 2019 12:21:30 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

दस्तक अभियान के दौरान जिले के 2546 गांवों में 2.50 लाख से ज्यादा बच्चों के सेहत की जांच पूरी, सर्वे रिपोर्ट में सामने आया कल्याणकारी योजनाओं का सच
 

Disease of these diseases on ten thousand children

Disease of these diseases on ten thousand children

रीवा. जिले में करीब दस हजार बच्चे विभिन्न बीमारियों की चपेट में हैं। दस्तक अभियान के दौरान किए गए सर्वे रिपोर्ट में सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास की टीम ने अभिभावकों को बच्चों के सेहत को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है।
एक माह में 2546 गांवों में 2.50 लाख का परीक्षण
जिले में एक माह तक दस्तक अभियान के दौरान 2546 से अधिक गांवों में पांच साल के 2.50 लाख से ज्यादा बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का काम पूरा हो गया। सर्वे के दौरान स्वास्थ्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम संयुक्तरूप से घर-घर पांच साल तक के शिशुओ व बच्चों के सेहत का परीक्षण किया। सर्वे के दौरान दलित, आदिवासी बस्तियों में ज्यादातर बच्चे तरह-तरह की बीमरियों से पीडि़त मिले।
डायरिया के चपेट में 8338 बच्चे
जिला प्रशासन को भेजी गई सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि अभियान के दौरान 8338 बच्चे डायरिया से पीडि़त पाए गए हैं। जिन्हें उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। जबकि खून की कमी से 2033 बच्चे पीडि़त मिले हैं। खून की कमी से जूझ रहे बच्चे कुपोषण की जंग लड़ रहे हैं। अतिकुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया गया है जबकि सैकड़ों बच्चों को जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने का दावा किया जा रहा है।
गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बेमानी
दस्तक अभियान के दौरान आए सर्वे रिपोर्ट से सहज ही अंदाजा लगा सकता हैं कि गरीबों के लिए सरकार की ओर से चल रही कल्याणकारी योजनाएं कितना कारगर साबित हो रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता रामनरेश यादव कहते हैं कि सरकार की कल्याणीकारी योजनाओं का क्रियान्यन प्रभावी हो तो दलित, आदिवासी परिवार के बच्चों की विकृति जैसी बीमारियां नहीं मिलेंगी। बड़ी संख्या में तरह-तरह की बीमारियों से बच्चे चिह्ति किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का यह कागजी आकड़ा है। जबकि हकीकत में गरीब बस्तियों की स्थित भयावह है। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ रही है। अब तक दो हजार से ज्यादा बच्चे चिह्ति किए गए हैं।
जन्मजात विकृतियों से ग्रस्त मिले 149 बच्चे
दस्तक अभियान के दौरान की सीमावर्ती और पहाड़ी क्षेत्र के आस-पापस गरीब बस्तियों में जन्मजात विकृतियों से ग्रस्त 249 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है।

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