इसका समुचित जवाब डीईओ नहीं दे पाए। जिसके बाद कमिश्नर ने संयुक्त संचालक शिक्षा अंजनी त्रिपाठी को निर्देशित किया की जांच कर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कितने बच्चों को साइकिल मिली और कितने को नहीं मिली।
दरअसल पिछले दिनों कमिश्नर ने शिक्षा विभाग की समीझा बैठक ली थी। जिसमें बताया गया था शत प्रतिशत बच्चों को सायकिल वितरण की जा चुकी है। निरीक्षण के दौरान सोमवार को कमिश्नर ने देखा की बड़ी सं या में साइकिल यहां पड़ी हुई हैं तो वे नाराज हुए।
लापरवाही के लिए उन्होंने मौके पर मौजूद सभी शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाई।
छात्रावास की देखी रसोईं
घोघर में नि:शक्त कन्या छात्रावास का उन्होंने निरीक्षण किया। छात्राओं के रहने, खाने एवं अध्ययन की व्यवस्था देखी। छात्रावास की व्यवस्था को लेकर भी असंतोष जताया। छात्रावास में साफ – सफाई एवं निर्धारित मिनू के अनुसार भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। छात्रावास की वार्डन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि छात्राओं को पढ़ाई – लिखाई भोजन एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए कोई पेरशानी न हो। छात्रावास में साफ – सफाई का ध्यान रखा जाए। टाइल्स, टेबिल,कुर्सी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। संतुलित भोजन से संबंधित जानकारी देने संबंधी चित्रकारी कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्राओं को मीनू के अनुसार ही भोजन प्रदान किया जाये। उन्होंने रसोई कक्ष में जाकर भोजन बनते हुए देखा और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। खिड़कियों में जाली लगवाने, प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
शत प्रतिशत सायकिल का वितरण करें
शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय घोघर के बाहर रखी नई साइकिलों पर उन्होंने संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अंजनी त्रिपाठी से कहा कि संभाग में शत प्रतिशत साइकिलों का वितरण कराए। दो दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है कि कितनी साइकिलों का वितरण किया गया।