अब 15 जनवरी से ब्रांचों का कामकाज बंद नहीं होगा बल्कि पहले की तरह ही संचालित किया जाएगा। बताया गया हैकि सहकारी बैंक ने सभी ब्रांचों में दो यूजर आइडी दे रखी है। जिसमें एक का संचालन कैशियर तो दूसरे का ब्रांच मैनेजर करता है। राशि आहरित करने की स्थिति में दोनों आइडी से स्वीकृति जरूरी होती है।
कैशियर की ड्यूटी लगाए जाने के चलते बैंक मैनेजर अकेले कोईकार्रवाई नहीं कर सकते थे। इसी के चलते समस्या उत्पन्न होने की आशंका जाहिर की गई थी। इनदिनों धान खरीदी की राशि बैंक में किसानों के खाते पर आ रही है। ऐसे में बैंक पहुंचने वाले किसानों को रुपए नहीं मिलते तो आए दिन विवाद होता। महीने भर से अधिक समय तक बैंक कामकाज बंद होने से अन्य कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती थी।
खरीदी केन्द्रों के कर्मचारियों को भी वापस किया
कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने खरीदी केन्द्रों में तैनात बैंक के सुपरवाइजर एवं अन्य की ड्यूटी भी निरस्त करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी और किसानों को समय पर रुपए दिया जाए, यह कार्यप्राथमिकता में है। कर्जमाफी के कार्यों के क्रियान्वयन के लिए दूसरे विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी पहले ही लगाई गई है।
कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने खरीदी केन्द्रों में तैनात बैंक के सुपरवाइजर एवं अन्य की ड्यूटी भी निरस्त करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी और किसानों को समय पर रुपए दिया जाए, यह कार्यप्राथमिकता में है। कर्जमाफी के कार्यों के क्रियान्वयन के लिए दूसरे विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी पहले ही लगाई गई है।