पहले से ही मोटी शुल्क का भार झेल रहे छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। पिछले कुछ वर्षों के दौरान डिग्री की मांग बढ़ी है।ज्यादा संख्या में आवेदन आ रहे हैं। एपीएसयू के लिए यह खुशी की बात है। ऐसे में शुल्क बढ़ाकर विवि अपने आमदनी में बढ़ोत्तरी करना चाह रहा है। फिलहाल शुल्क बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी होने में कुछ समय लग सकता है।
वर्तमान व्यवस्था के मुताबिक डिग्री के लिए विवि छात्र – छात्राओं से चार प्रकार की शुल्क लेता है। तत्काल में आवेदन करने के कुछ ही घंटों में डिग्री मिल जाती है। जबकि सामान्य रूप से ज्यादा समय लगता है। इसी प्रकार यदि कक्षा उत्तीर्ण करने के शैक्षणिक सत्र में ही डिग्री चाहिए तो उसके लिए ज्यादा शुल्क देनी पड़ती है।
उसी वर्ष की डिग्री तत्काल में लेने के लिए 1200 रुपए का शुल्क है। जबकि उसी वर्ष की डिग्री सामान्य रूप से लेने में 600 रुपए का शुल्क निर्धारित है। इसके अलावा अन्य वर्ष की डिग्री तत्काल में लेने के लिए 600 रुपए शुल्क है। जबकि सामान्य रूप से देने के लिए 300 रुपए शुल्क है।
विश्वविद्यालय में प्रत्येक महीने डिग्री के लिए करीब 500 छात्र – छात्राएं आवेदन करते हैं। जिसमें से करीब आधे आवदेन तत्काल डिग्री के लिए होते हैं।
जनवरी 2018 में करीब 487 छात्र – छात्राओं ने डिग्री के लिए आवेदन किया। कभी – कभी एक दिन में 39 से ज्यादा आवेदन आ जाते हैं। हालांकि फरवरी और मार्च में कम आवेदन हुए।
विवि कर्मचारियों की माने तो छुट्टियों की वजह से फरवरी एवं मार्च में कम आवेदन आए। अप्रैल में 400 के करीब आवेदन आए। इस प्रकार पिछले कुछ वर्षों के दौरान जैसे – जैसे डिग्री की मांग बढ़ी है, विश्वविद्यालय की आमदनी भी बढ़ी है।
विश्वविद्यालय प्रबंधन अब इसकी शुल्क बढ़ाकर अपनी आर्थिक स्थिति कुछ हद तक सुधारना चाहता है।