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रीवा

जल, जंगल व जमीन पर अदिवासियों का अधिकार

रीवा. कांग्रेस सेवादल रीवा एवं मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में विश्व आदिवासी दिवस पर सिलपरा रिंग रोड स्थित सियाराम मैरिज गार्डन में संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमे कांग्रेस सेवादल के शहर अध्यक्ष आनन्द कुशवाहा ने कहा कि प्राकृतिक के अगर कोई नजदीक है तो वह आदिवासी समाज है और वही प्राकृति का सबसे बड़ा संरक्षक है।

रीवाAug 10, 2023 / 10:34 am

Mahesh Singh

Adivasis' rights on water, forest and land

Adivasis’ rights on water, forest and land

कुशवाहा ने कहा कि आदिवासी समाज आदिकाल से इस धरती पर निवास करता आ रहा हैए इसी वजह से इन्हें आदिवासी कहा जाता है। सबसे पहले अगर जल, जंगल व जमीन पर किसी का अधिकार है तो वह आदिवासी समाज का है। आज लगातार आदिवासी समाज का शोषण किया जा रहा है और उन्हे प्राकृति एवं जल, जंगल, जमीन से बेदखल किया जा रहा है। कहा कि जब भी प्राकृति से छेड़छाड़ की गई है तो उसके बहुत ही भयानक परिणाम भुगतने पड़े हैं।
इस दौरान आदिवासी दिवस पर विषय विषेशज्ञ व समाजशास्त्री डॉ. रचना श्रीवास्तव ने आदिवासी जीवन शैली पर छात्राओं को विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करते हुए उनके रहवास, जीवनशैली, संस्कृति, परम्परायें एवं लोकनृत्य के सम्बन्ध में विस्तार से समझाया। संगोष्ठी में आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष डीपी कोल, प्रदीप कोल, सत्येन्द्र कुमार रावत, राहुल रावत, अशोक कुशवाहा, संतोष विश्वकर्मा, राजकुमार साकेत, शंकर रावत, सीएल रावत आदि उपस्थित रहे।

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