समय का सही सदुपयोग करें
बैंगलोरPublished: Jul 17, 2018 11:52:48 pm
हिनकल में डॉ समकित मुनि के प्रवचन
मैसूरु. हिनकल में डॉ समकित मुनि ने सोमवार को प्रवचन में कहा कि जीव सोते हुए भी अच्छा है और जागते हुए भी। जो जीव सद्कार्य में लगा हुआ है, वह जीव जागते हुए अच्छा है और जो पाप क्रिया में लीन रहे वह जीव सोते हुए अच्छा है। उन्होंने कहा कि जिस कार्य में दक्ष नहीं हैं और हम यदि कहीं गलत भी हैं तो उसे स्वीकार करना अच्छा होगा। यदि हमें किसी चीज की जानकारी की कमी है तो उसे भी स्वीकार करना श्रेयस्कर होगा। मुनि ने कहा कि समय का उपयोग सही करना चाहिए। स्वस्थ रहते हुए सद्कार्य एवं धर्म कर लेना हितकारी होगा। उन्होंने चातुर्मास में अधिकाधिक संख्या में धर्म से जुडऩे का आह्वान किया। प्रारंभ में जयवंत मुनि ने समय की महिमा बताते हुए कहा कि किसी भी जीव को क्षणमात्र का भी प्रमाद नहीं करना चाहिए। भवांत मुनि ने 21 जुलाई से सवा लाख सामायिक अनुष्ठान व 26 जुलाई को सामूहिक तेले तप की जानकारी दी। स्वागत सुभाषचंद दरड़ा ने किया। संचालन संघ अध्यक्ष कैलाशचंद बोहरा ने किया।
चामुंडीनगर पहुंचीं साध्वी लब्धिश्री
मैसूरु. साध्वी लब्धिश्री ठाणा 3 सोमवार को सिद्धार्थनगर से विहार कर चामुंडीनगर पहुंचे।
साध्वी ने प्रवचन में जैन धर्म के मूल्यों को सहेजते हुए प्रभु महावीर की वाणी का अनुसरण कर आचार्य महाश्रमण द्वारा संचालित अनुशासन की पालना करने की प्रेरणा दी। दोपहर में सभी संघ संस्थाओं के अध्यक्ष मंत्री की बैठक एवं महिला संगोष्ठी संपन्न हुई। ट्रस्ट अध्यक्ष भेरूलाल पितलिया, सभा के पूर्व अध्यक्ष हीरालाल पितलिया, पूर्व मंत्री प्रकाश दक, विमल पितलिया, महावीर मारू, तेयुप अध्यक्ष मुकेश गुगलिया, श्रमण संघ सिधार्था अध्यक्ष संपथराज कोठारी सहित कई लोग उपस्थित रहे। साध्वी मंगलवार प्रात: विहार कर इत्तिगेगुड पहुंचेंगी।
मैसूर विश्वविद्यालय सिंडिकेट के पुराने सदस्य बदले जाएंगे
मैसूरु. उच्च शिक्षा मंत्री जीटी देवेगौड़ा ने कहा है कि मैसूर विश्वविद्यालय सिंडिकेट के सदस्य बदले जाएंगे। नई सरकार बनने पर सिंडिकेट के सभी सदस्यों को बदले जाने की परम्परा है। यह गठबंधन की सरकार है।
देवेगौड़ा ने कहा कि उन्होंने ऐसे पंचायत विकास अधिकारियों को डांट पिलाई, जो सक्षम नहीं हैं। उन्हें वाजिब कारण से डांटा गया है। उनका व्यवहार अच्छा नहीं था। वे सोच रहे थे कि सिद्धरामय्या उन्हें बचा लेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या द्वारा नामित सदस्यों को बरकरार रखने संबंधी पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि सरकार उनकी बात माने। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा आंसू बहाने पर उन्होंने कहा कि वे एक भावुक व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि चामुंडेश्वरी से चुनाव हारने के बाद सिद्धरामय्या भी रो पड़े थे।