योग:
व्याघात नामक नैसर्गिक अशुभ योग दोपहर बाद 2.41 तक, इसके बाद हर्षण नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग दोपहर बाद 2.00 से रात्रि 12.00 बजे तक है।
शुभ मुहूर्त:
आज उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में व्रतबंध, गृहारम्भ, गृहप्रवेश, देवप्रतिष्ठा, विपणि-व्यापारारंभ, कूपारंभ, प्रसूतिस्नान, कर्णवेध, वधू-प्रवेश, सगाई, रोका, टीका, द्विरागमन, अक्षरारंभ, चूड़ाकरण, हलप्रवहण आदि के तथा हस्त नक्षत्र में विवाह (दिवा लग्न) अन्नप्राशन व नामकरण आदि के शुभ मुहूर्त हैं।
राहुकाल:
प्रात: 10.30 से दोपहर 12.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए:
आज सूर्योदय से पूर्वाह्न 10.47 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर 12.25 से 2.02 तक शुभ तथा सायं 5.16 से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11.48 से दोपहर 12.50 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।