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आज अष्टमी पर बना विष्कुंभ योग, इन टोटकों से बदल जाएगी तकदीर

Published: Feb 23, 2018 09:57:11 am

आज दुर्गाष्टमी, होलाष्टक प्रारंभ, वैधृति पुण्यं तथा दादूदयाल जयंती है। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि वृष राशि में है।

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rashifal 16 december

अष्टमी जया संज्ञक तिथि रात्रि १२.४४ तक, तदुपरान्त नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि है। अष्टमी तिथि में मनोरंजन के कार्य, नाचना, गाना, गृहारम्भ, रत्नपरीक्षण, प्रतिष्ठा और विवाहादि मांगलिक कार्य शुभ होते हैं। नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित कहे गए हैं।
नक्षत्र: कृतिका ‘मिश्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र दोपहर १२.४३ तक, इसके बाद रोहिणी ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। कृतिका नक्षत्र में यथा आवश्यक सभा, साहस, अग्नि ग्रहण, शत्रुनाश, विवादादि के कार्य सिद्ध होते हैं। शुभ कार्य वज्र्य है। रोहिणी नक्षत्र में विवादादि, मांगलिक कार्य और पौष्टिक कार्यादि शुभ कहे गए हैं।
योग: वैधृति नामक अत्यंत उपद्रव व बाधाकारक योग अंतरात्रि ३.५२ तक, इसके बाद विष्कुंभ नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। वैधृति नामक योग में सदैव शुभ व मांगलिक कार्य सर्वथा वर्जित हैं। विशिष्ट योग: ज्वालामुखी नामक अत्यंत अशुभ योग सूर्योदय से दोपहर १२.४३ तक व पुन: प्रारंभ रात्रि १२.४४ से। करण: भद्रा संज्ञक विष्टि नाम करण दोपहर बाद १.३७ तक, इसके बाद बवादि करण प्रारम्भ हो जाएंगे।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न ११.१५ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर १२.४० से दोपहर बाद २.०५ तक शुभ तथा सायं ४.५५ से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१७ से दोपहर १.०३ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ महूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज रोहिणी नक्षत्र में अति आवश्यकता में (भद्रा व वैधृति दोषयुक्त) विवाह का अशुद्ध मुहूर्त है। अन्य शुभ कार्यों के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।
व्रतोत्सव: आज दुर्गाष्टमी, होलाष्टक प्रारंभ, वैधृति पुण्यं तथा दादूदयाल जयंती है। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि वृष राशि में है। दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज चन्द्र स्थिति के अनुसार दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: १०.३० से दोपहर १२.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (उ, ए, ओ, वा, वि) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि वृष है। जन्म स्वर्णपाद से है। अत: इनके उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए दान, पुण्य व शांति करा लेना हितकर है। सामान्यत: ये जातक धर्मपरायण, दानी, सत्यवादी, धनवान, गुणवान, सुंदर, आकर्षक और मधुरभाषी होते हैं। पर ये जातक कुछ-कुछ स्वेच्छाचारी, कामासक्त व लोभी भी होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग २९-३० वर्ष की आयु तक होता है। वृष राशि वाले जातकों का आज परिवार वालों से सामंजस्य बढिय़ा रहेगा।
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