शुभ विक्रम संवत् : 2075, संवत्सर का नाम : विरोधकृत्, शाके संवत् : 1940, हिजरी संवत् : 1439, मु.मास: जिल्काद-28, अयन : दक्षिणायण, ऋतु : वर्षा, मास : श्रावण, पक्ष : कृष्ण,तिथि – दोपहर 3.24 तक पितर संज्ञक तिथि अमावस्या उपरंात नंदा संज्ञक तिथि प्रतिपदा रहेगी । अमावस्या तिथि मे पितर तर्पण, पिण्ड़दान, पवित्र नदी सरोवर मेे स्नान, मंत्र तंत्र साधना जैसे कार्य किये जा सकते है । श्रावण मास की यह हरियाली अमावस्या है, जो किसानों के लिये अत्यंत सुखद मानी जाती है । योग- दोपहर 1.58 व्यतिपात उपरंात वरियान योग रहेगा । दोनो ही योग विशेष शुभकारी नही है।
विशिष्ट योग- शनिवार के दिन हरियाली अमावस्या पर्व मंत्र साधना एवं शनि आराधना हेतु अति सुखद रहेगा। करण- सूर्यादय काल से नाग उपरंात किस्तुघ्न तदनंतर वालव करण का प्रवेश रहेगा । करण सामान्य है । नक्षत्र- रात्रि 1.42 तक तीक्ष्य संज्ञक ऊध्र्वमुख अश£ेषा उपरंात मूल संज्ञक मघा नक्षत्र रहेगा । अश£ेषा गंड़ात मूल संज्ञक नक्षत्र है ,इस नक्षत्र मे जन्मे बालको की मूल शांति का पूजन सत्ताइसवे दिन उसी नक्षत्र की पुनरावृत्ति के दिन अवश्य करवाना चाहिये । अश£ेषा नक्षत्र मे क्रय विक्रय , हल प्रवहण, तथा कर्ज निपटारा जैसे कार्य किये जा सकते है।
शुभ मुहूर्त- आज के दिन शनि ग्रह शंाति पूजन ,मंत्र तंत्र साधना , पितर तर्पण , पिण्ड़दान एवं जन हितैषी कार्य हेतु दिन शुभ सुखद तथा मंगलकारी रहेगा ।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज सूर्योदय प्रात: 7.30 से 9.00 तक शुभ दोपहर 1.30 से 4.30 तक लाभ ,अमृत रात्रि 9.00 से 10 30 तक शुभ की चौघडिय़ा शुभ ,सुखद तथा श्रेष्ठ रहेगी । व्रतोत्सव- आज स्नान दान , हरियाली शनिश्चरी अमावस्या का व्रतोत्सव पर्व रहेगा । आज के दिन पितर तर्पण एवं पितर सेवा शुभ है । चन्द्रमा: रात्रि 1.42 तक कर्क राशि मे उपरंात ंिसंह राशि मे संचरण करेगा ।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के कर्क राशि मे गुरू तुला राशि मे तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर ििस्थत हेै। दिशाशूल: आज का दिशाशूल पूर्व दिशा मे रहता है इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है । चंद्रमा का वास उत्तर दिशा में है सन्मुख एवं दाहिना चंद्रमा शुभ माना जाता है । राहुकाल: प्रात: 9.00 से 10.30 .00 तक । (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज :आज जन्मे बालको का नामाक्षर ड़, डी, डा, डे अक्षर से आरंभ कर सकते है । बच्चों की राशि कर्क तथा राशि स्वामी चंद्रदेव होंगे । बच्चे सरल सहज, सुंदर ,निपुण ,चतुर बुद्विमान , संयमी ,परोपकारी एवं मिलनसार प्रवत्ति के होगे । साहित्य कला एवं अभिनय के क्षेत्र मे विशेष रुचि रखने वाले रहेगे । जीवन के प्रत्येक दिशा मे भाग्य का सदैव अनुकूल सहारा मिलने की पूर्ण संभावना रहेगी ।