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जबलपुर

रामायण उत्तरकांड की सबसे अनोखी प्रस्तुति

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6 years ago
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मप्र नाट्य विद्यालय का सत्र समाप्ति नाट्य समारोह, पहले दिन ‘चित्रपट’ नाटक का मंचन 1 घंटा 40 मिनट तक यक्षगान शैली में जीवंत हुआ रामायण का उत्तरकांड

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जबलपुर। कथकली जैसी भाव भंगिमाएं, कर्नाटक की शैली में यक्षगान। एक घंटा चालीस मिनट में रामायण के उत्तरकांड की कथा का बखान अभिनय और संगीत समायोजन के साथ किया गया। मप्र नाट्य विद्यालय के सत्र 2017-18 के 25 विद्यार्थी मंच पर रहे ‘चित्रपट’ नाटक को जीवंत किया। तरंग ऑडिटोरियम रामपुर में मंगलवार को हुए इस नाटक का खूब सराहना मिली। मंजुनाथ भागवत द्वारा रचित ‘चित्रपट रामायण’ यक्षगान का सुप्रसिद्ध प्रसंग है।

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इस नाटक में अभिनय के माध्यम से राम के कुशलराज, शूर्पनखा के छलपूर्वक प्रतिशोध, सीता की अक्षमता और रावण की बाल छवि दिखाई पड़ती है। परिधान, मेकअप, संगीत और अभिनय दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ता है। मप्र नाट्य विद्यालय, संस्कृति विभाग तथा एमपीएसइबी के केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में एमपीएसडी का 7वां सत्र समाप्ति नाट्य समारोह 2018 का आगाज हुआ।

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स्त्रियों की स्थिति दर्शाता नाटक का निर्देशन सीआर जाम्बे ने किया है। नाटक में राम एक राजा को प्रस्तुत हैं। राजा होने के कारण वे अपने व्यक्ति हित एवं संबंधों से अधिक राज्य और समाज के हित में निर्णय लेते हैं। सीता का पात्र स्त्रियों की स्थिति व्यक्त करता है, जो सदैव छली जाती है। जीवन में तमाम कष्टों को झेलने के बाद भी सीता आशावादी बनी रहती हैं। राम अपना राज्य संचालित कर रहे होते हैं और सीता वनवास काट रही होती हैं।

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यह है यक्षगान शैली यह कर्नाटक की नाट्य शैली है, जिसमें लोकपरंपरा आधारित नृत्यों की प्रस्तुति दी जाती है। इस शैली में कलाकार गाते और नाचते हुए कथा प्रस्तुत करते हैं। यक्षगान शैली में अभिनय, नृत्य और संगीत की प्रधानता होती है, वहीं संवाद कम रहते हैं।

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तीन घंटे का मेकअप जूट से बने मुखौटे रावण, शूर्पनखा सहित कुछ अन्य पात्रों का मेकअप तीन-तीन घंटों में हुआ। कलाकार जूट और रस्सियों से बने मुखौटे और वेशभूषा पहने हुए थे। अभिनय के साथ कलरिपयट्टू और कुचीपुड़ी भी नृत्य शैली में दिखाई पड़े। मंच पर सामने बैठे कलाकार लाइव संगीत की प्रस्तुति दे रहे थे। संगीत में हारमोनियम, तबले और नगाड़ों का इस्तेमाल हुआ।

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इन्होंने किया अभिनय मंच पर हर्ष प्रकाश, रियांश तनेजा, सिद्धार्थ अवस्थी, श्रुति पांडे, अदिति लाहोटी, सौरभ सिंह परिहार, भुवांशु शर्मा, शुभम बारी, दिनेश कुमार, समेत अन्य ने अभिनय किया।

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इन्होंने किया अभिनय मंच पर हर्ष प्रकाश, रियांश तनेजा, सिद्धार्थ अवस्थी, श्रुति पांडे, अदिति लाहोटी, सौरभ सिंह परिहार, भुवांशु शर्मा, शुभम बारी, दिनेश कुमार, समेत अन्य ने अभिनय किया।

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रामायण के उत्तरकांड की सबसे अनोखी प्रस्तुति

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