यह उपाय करें
– जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि नीच और शत्रु राशि में होता है। श्रावणी पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन पत्थर के चौकोर टुकड़ों पर शनि यंत्र किसी धारदार या नुकीली चीज से बना कर अपने ऊपर से 8 बार उतारे और कुएं में फेंक दें। ध्यान रहे कि उस कुएं का दोबारा कभी पानी नहीं पीना चाहिए।
– एक कांच की बोतल में सरसों का तेल भरकर उसे बच्चों के खेलने वाले कंचे से बंद कर दें और उसे या प्राकृतिक नालों के नीचे दबा दें। ध्यान रखें उसे मुड़ कर दोबारा ना देखें।
– राहु के खराब होने वाली स्थिति में नारियल जिनकी संख्या 11 हो और पानी वाले हो अपने ऊपर से उतार कर बहते जल में प्रवाहित कर।
– चंद्र की स्थिति खराब होने पर दूध से चंद्र को अर्घ देकर यथास्थान बैठकर ॐ सोमेश्वराय नमः का जाप करें। दूध किसी जरूरतमंद को दान करें।
– कालसर्प दोष है तो इसे भी श्रावणी पूर्णिमा के दिन दूर करने का प्रयास किया जा सकता है। कालसर्प दोष से ग्रसित लोग सर्प पूजन करें तथा चांदी की डिब्बी में शहद भरकर किसी भी स्थान पर उसे मिट्टी में दबा दें।
– चंद्र राहु की शांति के लिए माता सरस्वती का मंत्र मंत्र स्फटिक की माला पर यथाशक्ति से जाप करें। इससे लाभ होगा।
– शत्रुओं को शांति के लिए श्री राम भक्त हनुमान को चोला चढ़ाएं और गुड़ का नैवेद्य आदि अर्पित कर प्रार्थना करें।’
– घर में समृद्धि के लिए कोई ऐसा पौधा है जो किसी वटवृक्ष के नीचे लगा हो उसे सावधानी पूर्वक निकालें और अपने घर के गमले में लगाएं।
– किसी बच्चे को या घर में बड़े को नजर दोष हो तो फिटकरी टुकड़ा नजर लगे व्यक्ति से उतारे और उसे चूल्हे में जला दें।
– रुके हुए धन को पाने के लिए सूखे कपूर में काजल बनाएं तथा एक कागज पर उसका नाम लिखकर भारी पत्थर के नीचे दबाने पैसा जल्द प्राप्ति के योग बन जाएंगे।