कालसर्प दोष और नागपूजन पर मार्कंडेय धाम के विचित्र महाराज का कहना है कि नागपंचमी पर कालसर्प दोष निवारण पूजन करना श्रेयष्कर रहता है। किंतु नागों को दूध पिलाना मृत्यु दोष का कारक बन जाता है। क्योंकि ये विज्ञान ने भी माना है कि सांप दूध नहीं पीते। सपेरों द्वारा उन्हें जबरदस्ती दूध पिलाया जाता है। जिससे उनकी एक निश्चित समय के बाद मौत हो जाती है। जिसमें समस्त भक्त भी उतने ही दोषी होते हैं जितना कि सपेरा। नागपंचमी पर सांपों के प्रतीकात्मक पूजन का विधान है।
वन्य जीव संरक्षण का अपराध
सर्प विशेषज्ञों के अनुसार सांपों को दूध पिलाना या उनके साथ क्रूर व्यवहार करना वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध है। इसके तहत सजा व जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
इस मंत्र का जाप करें
ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है जिसमें विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। यदि ये मंत्र बोलते हुए पूजन करना फलदाई होता है।
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नमः