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15 अगस्त नागपंचमी: कर ले यह पूजन तो दूर हो जायेगा अकाल मृत्यु का भए

locationजबलपुरPublished: Aug 11, 2018 02:04:29 pm

Submitted by:

Lalit kostha

15 अगस्त नागपंचमी
 

15 august nag panchami kaal sarp dosh puja

15 august nag panchami kaal sarp dosh puja

जबलपुर। नाग पंचमी 15 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन शिव के गले में विराजित और सुशोभित कर रहने वाले बासुकीनाथ का पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की कृपा नाग पूजन से मिल जाती है। नाग का पूजन वैसे तो प्रतीकात्मक होता है। लेकिन उस समय की विकृति के साथ में यह सजीव नागों का पूजन में बदल गई है। जिससे ना केवल नाग प्रजाति पर खतरा पैदा हो गया। बल्कि दूध पिलाने से उनकी होने वाली मृत्यु का दोष भी भक्तों को लगने लगा। वहीँ पूरे साल विभिन्न जीवों की जाने अनजाने होने वाली मौतों और विभिन्न तरह के दोषों से व्यक्ति ग्रसित रहता है। तब नाग पंचमी के दिन यदि वह कालसर्प दोष और नाग पूजन कर लेता है तो उसके समस्त दोष दूर हो सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित सचिन देव महाराज के अनुसार नाग पंचमी पर प्रतीकात्मक नाग वासुकी का पूजन होना चाहिए। विधि-विधान से भगवान को तिलक रोली चंदन अक्षत चढ़ाकर प्रार्थना करें। हे प्रभु हमारे समस्त दोषों का निवारण करें। भूल चूक जो भी हुई हो उन्हें माफ कर। हमें नया मार्ग दिखाएं। काल का भय दूर करें और परिवार में सुख समृद्धि को बनाए रखें। ऐसी कामना के साथ कालसर्प दोष पूजन भी करना श्रेयस्कर रहता है। इससे ना केवल अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। बल्कि भगवान महादेव की कृपा भी प्राप्त होती है। इसलिए कहा जाता है कि नागपंचमी के दिन जो भी व्यक्ति विधि विधान से नाग देवता का पूजन कर लेता है तो उसके समस्त दोष दूर हो जाते हैं।

 

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पूजन मुहूर्त और तिथि
साल 2018 में नागपंचमी 15 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन बुधवार होगा। नाग पंचमी पंचमी तिथि का आगमन 15 अगस्त को सुबह 3:27 पर हो जाएगा। यह तिथि आगामी 16 अगस्त गुरुवार को दोपहर 1:52 तक रहेगी। नाग पंचमी पर नाग पूजन का मुहूर्त सुबह 5:54 से 8:30 बजे तक दोपहर तक की जा सकेगी। मूर्ति की अवधि कुल 2 घंटा 36 मिनट रहेगी। इस दिन सर्पों के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है जिनमे अनंता, वासुकी, शेष, कालिया, तक्षक, पिंगल, धृतराष्ट्र, कार्कोटक, पद्मनाभा, कंबाल, अश्वतारा और शंखपाल शामिल हैं।

इस मंत्र का जाप करें
ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है जिसमें विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। यदि ये मंत्र बोलते हुए पूजन करना फलदाई होता है।

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नमः

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