साफ, स्पष्ट एवं वास्तविक छवि दिखाई देने वाला दर्पण ही काम में लें। नुकीला, धुंधला दिखाई देने वाला दर्पण अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है। दर्पण जितने हल्के और बड़े होंगे, उनका प्रभाव उतना ही अच्छा होगा।
घर में लगा हुआ दर्पण टुटा हुआ नहीं हो तो अच्छा रहता हैं। टूटे हुए दर्पण में मुँह देखना अशुभ माना जाता है। टूटे हुए शीशे को दूर फेककर या जमीन में दबा देना चाहिए। शिक्षा दिवार पर लगा हुआ हो तो बहुत बेहतर होता है। घूमता हुआ दर्पण गलत प्रभाव छोड़ते हैं।
घर में शीशा दरवाजे सामने नहीं हो जहाँ से आने जाने वालों की नजर पड़ती हो। कमरे में भी उसी के संगत सोते हुए व्यक्ति को किसी का चेहरा नहीं दिखाई दे।
दर्पण को हमेशा खुला न रखे तो वास्तु के साथ ही अन्य प्रभाव भी काम होते हैं। दर्पण पर कपडा लगाकर रखना चाहिए। जिससे पक्षी भी चौंच नहीं मारेंगे।
दर्पण को हमेशा खुला न रखे तो वास्तु के साथ ही अन्य प्रभाव भी काम होते हैं। दर्पण पर कपडा लगाकर रखना चाहिए। जिससे पक्षी भी चौंच नहीं मारेंगे।