दोपहर में जन्मे कान्हा
चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर मंदिर में बैंडवादन के बीच दोपहर १२ बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। इस बीच वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर भवान का पंचामृत अभिषेक कर नई पोशाक धारण करवाई गई। शाम ५.२० बजे ग्वाल आरती में भगवान की झांकी सजाई गई। ललित सम्प्रदाय के प्रधान पीठ रामगंज स्थित ठाकुर मंदिर में प्रभु की पूजा अर्चना के बाद दोपहर 12 बजे मंत्रोच्चार से अभिषेक हुआ। नाहरगढ़ स्थित चरण मंदिर में दोपहर १२ बजे श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। गोपीनाथ मंदिर, चांदनी चौक स्थित आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर, बृजनिधि मंदिर, लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर, सरस निकुंज दरीबापान, गोपीनाथ मंदिर, चरण मंदिर, रामचंद्र मंदिर, राधामोहन मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर में भी कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।
कृष्ण जन्म के साथ ही मंदिरों में कृष्ण नंदोत्सव मनाया जाएगा। वहीं सुबह १० बजे आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में नंदोत्सव के दौरान बधाई गान-गान के साथ भक्तों को फल, टॉफी आदि की उछाल लुटाई जाएगी। मंदिर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर जी को केसरिया रंग की पोशाक धारण करवाने के साथ ही फूलों का श्रृंगार, विशेष अलंकार धारण करवाए जाएंगे। मंगलवार शाम चार बजे से गोविंद देव मंदिर ट्रस्ट की ओर से लवाजमें के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से जलेबी चौक, हवामहल बाजार, बड़ी चौपड़, गणगौरी बाजार, राजा शिवदान का रास्ता होते हुए पुरानी बस्ती गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी। शोभायात्रा में १५ झांकियां, कीर्तन मंडल भी शामिल होंगे। आरती के बाद शोभायात्रा का समापन होगा।
जन्माष्टमी का पर्व पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस मौके पर मंदिरों एवं कई जगहों पर झांकियां सजाई गई। वहीं कई सजीव झांकिया भी आकर्षण का केंद्र रही। इस मौके पर जहां झांकी सजाई गई, वहीं शांति का संदेश भी अपने ही तरीके से दिया गया। अक्षरधाम मंदिर, कृष्ण बलराम मंदिर, विभिन्न मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को प्रदर्शित करती हुई सजीव झांकियां सजाई गई। जनाना ड्योढ़ी स्थित रामचन्द्र मंदिर के पं.लक्ष्मण शर्मा ने बताया कि मंदिर में डांडिया, भजन संध्या, कालिया दमन सहित अन्य झांकियां तैयार की गई। राजापार्क स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में सनातन धर्म मण्डल की ओर से जन्माष्टमी बिजली की अनूठी झांकियों, सजीव झांकियों और बिजली से चलित झूलों के साथ मनाई जा रही है। इन्हें देखने के लिए रातभर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोगों ने अपने छोटे बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाया जो भी अपने आप में आकर्षण का केद्र रहे।
झांकियों का समय
धूप आरती 7.30 से 8.45 प्रात:
श्रृंगार आरती 9.15 से 10 बजे सुबह नंदोत्सव
राजभोग आरती 10.45 से 11.30 प्रात:
ग्वाल आरती 6 से 6.30 सायं
संध्या आरती 7 से 8.15 सायं
शयन आरती 9 से 9.30 रात्रि
यहां भी हुए विशेष कार्यक्रम
151 फल-फूलों से अभिषेक
धौलाई स्थित गिरिधारी दाऊजी मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व राधा मदन मोहन और गौर निताई की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मनाया गया।इस मौके पर भगवान को फूल बंगले में विराजमान किया गया। वहीं चार लाख की पोशाक भी धारण करवाई गई। भगवान गिरिधारी दाऊजी (कृष्ण-बलराम) का 108 स्वर्ण और रजत कलशों से पंचामृत और 151 फलों-फूलोंं के रस से दो बार अभिषेक किया गया। इस्कॉन के स्वदेशी-विदेशी भक्तों द्वारा महाहरिनाम संकीर्तन और भजनों से भगवान श्रीकृष्ण को रिझाया। वहीं रात 12 बजे भगवान गिरिधारी दाऊजी का अभिषेक और महाआरती की गई। मंगलवार सुबह 9.30 बजे नंदोत्सव और इस्कॉन के संस्थापकाचार्य कृष्णकृपामूर्ति ए.सी. भक्ति वेदान्त स्वामी श्रील प्रभुपाद की 122 वीं व्यास पूजा का आयोजन किया जाएगा।
वैशाली नगर स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष अद्भूत सजाई गई। मंदिर के बाल और युवक मंडल द्वारा श्रीकृष्ण की लीला की सजीव प्रस्तुति की गई। मंदिर में सुबह आठ से दोपहर 12.00 बजे और शाम ४ से रात ११ बजे तक हरिकृष्ण महाराज के पंचामृत अभिषेक हुए।
सजी 201 व्यंजनों की झांकी
जगतपुरा स्थित कृष्ण-बलराम मंदिर में जन्माष्टमी पर विशेष श्रृंगार किया गया। इस मौके पर 201 व्यंजनों की झांकी सजाई गई। दोनों भाइयों की दो बार पोशाक बदली गई। एक सुबह मंगला आरती से पहल तड़के 3.30 बजे और दूसरी सुबह 7.30 बजे। इसी पोशाक में भक्तों ने प्रभु की झांकी के दिनभर दर्शन किए। मंदिर के अध्यक्ष आर गोविंददास ने बताया कि ठाकुर जी का दोपहर 12 बजे, शाम 6 से 8 बजे और जन्माभिषेक रात 10 से 12 बजे तक अभिषेक तीन बार हुआ। इसके साथ ही ख्यातिनाम कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी। वहीं अलग-अलग प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गई।