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स्मृति शेष: ट्विनसिटी के 33 हजार बच्चों को तरूण सागर महाराज ने बांटी थी लाइफ स्टाइल बुक, बताया कैसे जिंए जिंदगी…

locationदुर्गPublished: Sep 01, 2018 11:59:11 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

मुनिवर ने ट्विनसिटी के 33 हजार बच्चों को अपनी किताब लाइफ स्टाइल बांटी थी। किताब लाइफ स्टाइल कैसे जिएं जिंदगी इस पर आधारित है।

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स्मृति शेष: ट्विनसिटी के 33 हजार बच्चों को तरूण सागर महाराज ने बांटी थी लाइफ स्टाइल बुक, बताया कैसे जिंए जिंदगी…

भिलाई. अपने कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर जैन मुनि तरूण सागर महाराज का शनिवार को निधन हो गया। वे 51 वर्ष के थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में दीक्षा लेकर कड़वे प्रवचनों से देशभर के युवाओं को जगाने का अनोखा प्रयास किया था। शुरूआत उन्होंने बच्चों से की थी।
2012 में भिलाई में हुआ था छह दिन का कड़वा प्रवचन
2012 में 1 जनवरी को जैन मुनि तरूण सागर राजधानी रायपुर से दुर्ग आए थे। यहां उनका भव्य नगर प्रवेश हुआ। ४ से 11 जनवरी तक पुलिस ग्राउंड सेक्टर 6 में कड़वे प्रवचन हुए। जिसे सुनने के लिए हजारों लोग एकत्रित हुए थे। प्रवचन के दौरान मुनिवर ने ट्विनसिटी के 33 हजार बच्चों को अपनी किताब लाइफ स्टाइल बांटी थी। किताब लाइफ स्टाइल कैसे जिएं जिंदगी इस पर आधारित है।
एक करोड़ लोगों को बांटने का लिया था संकल्प
मुनिवर ने अपनी पुस्तक लाइफ स्टाइल को 1 करोड़़ लोगों को नि:शुल्क बांटने का संकल्प लिया था। यह जीवन जीने की कला पर आधारित किताब है। जिसमें भटकते युवाओं, परिवारों को विखंडन से बचाने जैसे विषयों पर मुनिवर ने कड़वे संदेश दिए हैं। 11 जनवरी 2012 को वे दुर्ग पहुंचे। जहां सात दिन तक उनका प्रवचन चला।
एक जगह बैठकर नहीं देते थे प्रवचन
जैन मुनि तरूण सागर के प्रवचन स्थल पर उनके लिए चलित बैठक आसन की व्यवस्था की जाती थी। भिलाई में २०१२ में हुए प्रवचन के दौरान जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एक जगह बैठने से मैं सभी लोगों पर ध्यान नहीं दे पाता। जो सामने हैं केवल उन्हें ही प्रत्यक्ष प्रतीत होता हूं। ऐसे में पीछे वालों का ध्यान भटकने लगता है। इसलिए चलित आसन के जरिए मैं स्वयं उन तक पहुंचकर उन्हें जीवन के कड़वे सत्य से परिचय कराता हूं। जिसमें चलित आसन का महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। वे कड़वी से कड़वी बात बेहद सहज और हंसमुख अंदाज में कह देते थे।
युवओं में भर देते थे नई ऊर्जा
दुर्ग जिले के कैवल्य धाम कुम्हारी और नगपुरा जैन तीर्थ से मुनिवर का गहरा नाता था। भिलाई में उनके कड़वे प्रवचन सुनने के लिए २०१२ में विशेष तौर पर स्कूली और कॉलेज छात्रों को बुलाया गया था। समाज के हर वर्ग के लोगों और युवाओं में उन्होंने अपने प्रवचन से नई ऊर्जा भर दी थी।
पीलिया से पीडि़त थे मुनिवर
मिली जानकारी के अनुसार मुनिवर लंबे समय से पीलिया से पीडि़त थे। जिसके चलते उन्हे दिल्ली के ही एक हॉस्पिटल में लाया गया था। शनिवार सुबह शनिवार सुबह 3:18 बजे उन्होंने दिल्ली के शाहदरा के कृष्णानगर में अंतिम सांस ली। पिछले कई दिनों से उन पर दवाओं का असर बंद हो गया था। बताया जा रहा है कि जैन मुनि ने उपचार कराने से मना कर दिया था और कृष्णानगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल पर जाने का फैसला किया था।
आज किया जाएगा अंतिम संस्कार
जैन मुनि तरुण सागर का अंतिम संस्कार दोपहर 3 बजे किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली-मेरठ हाइवे स्थित तरुणसागरम तीर्थ को चुना गया है। जानकारी के अनुसार जैन मुनि अंतिम यात्रा दिल्ली के राधेपुर से शुरू होगी और 28 किमी की दूरी तयह करती हुई तरुणसागरम पर पहुंचेगी। आपको बता दें कि जैन मुनि तरुण सागर अपने प्रवचनों के लिए सुर्खियों में रहते थे।
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