बता दें कि, प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की मॉनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अनमोल एप तैयार कर टैबलेट खरीदने का आदेश दिया था। जिले में पदस्थ सभी एएनएम को दिनभर में किए गए कार्यों की जानकारी एप से सीधे आरसीएच पोर्टल पर डालने के निर्देश हैं। काम का तरीका समझाने के लिए प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया। ऐसे में अनमोल एप से एएनएम की मुसीबत बढ़ी है।
दिनभर की रिपोर्टिंग
प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अबतक एएनएम गांवों में जाकर नई गर्भवती महिलाओं एवं नवजातों का सर्वे कर स्वास्थ्य केन्द्र पर आकर रजिस्टर में जानकारी दर्ज करती थी। ऐसे में जिला स्तर तक डाटा पहुंचने में काफी समय लग जाता था। साथ ही एएनएम क्या काम कर रही हैं, पता नहीं चलता था। अनमोल एप से हितग्राहियों की जानकारी सीधे आरसीएच पोर्टल पर डाली जा सकती है। एएनएम को दिनभर की जानकारी तत्काल फीड करनी होगी। इसका लॉग इन पॉसवर्ड जिला मुख्यालय एवं भोपाल के पास भी रहेगा। जिसके जरिए मॉनिटरिंग के साथ ही समय-समय पर कार्यक्रम की समीक्षा भी करनी थी।
प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अबतक एएनएम गांवों में जाकर नई गर्भवती महिलाओं एवं नवजातों का सर्वे कर स्वास्थ्य केन्द्र पर आकर रजिस्टर में जानकारी दर्ज करती थी। ऐसे में जिला स्तर तक डाटा पहुंचने में काफी समय लग जाता था। साथ ही एएनएम क्या काम कर रही हैं, पता नहीं चलता था। अनमोल एप से हितग्राहियों की जानकारी सीधे आरसीएच पोर्टल पर डाली जा सकती है। एएनएम को दिनभर की जानकारी तत्काल फीड करनी होगी। इसका लॉग इन पॉसवर्ड जिला मुख्यालय एवं भोपाल के पास भी रहेगा। जिसके जरिए मॉनिटरिंग के साथ ही समय-समय पर कार्यक्रम की समीक्षा भी करनी थी।
क्यों जरूरी हुआ टेबलेट
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी सेवाओं की सांख्यकी एवं अॅान लाइन एंट्री के लिए अनमोल एप का उपयोग अगस्त से अनिवार्य कर दिया गया है। 15 अगस्त के पूर्व एएनएम को निर्धारित स्पेसफिकेशन का टेबलेट क्रय करना अनिवार्य था। एएनएम ने खरीदी तो कर लीं मगर, भुगतान में खींचतान है।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी सेवाओं की सांख्यकी एवं अॅान लाइन एंट्री के लिए अनमोल एप का उपयोग अगस्त से अनिवार्य कर दिया गया है। 15 अगस्त के पूर्व एएनएम को निर्धारित स्पेसफिकेशन का टेबलेट क्रय करना अनिवार्य था। एएनएम ने खरीदी तो कर लीं मगर, भुगतान में खींचतान है।
186 एएनएम को खरीदने थे टेबलेट
एक एएनएम एक उप स्वास्थ्य केन्द्र को कवर करती है। एक केन्द्र के अंतर्गत 5-6 गांव आते हैं। फील्ड में 186 एएनएम हैं। जिनको टेबलेट प्रदान किए जाने थे। इसमें ई-गवर्नेंस मैनेजर का काम एएनएम को काम में आ रही दिक्कतों को दूर करना एवं सहयोग करना है।
एक एएनएम एक उप स्वास्थ्य केन्द्र को कवर करती है। एक केन्द्र के अंतर्गत 5-6 गांव आते हैं। फील्ड में 186 एएनएम हैं। जिनको टेबलेट प्रदान किए जाने थे। इसमें ई-गवर्नेंस मैनेजर का काम एएनएम को काम में आ रही दिक्कतों को दूर करना एवं सहयोग करना है।
ऐसे होना था प्रशिक्षण
जिले के एक विकासखंड में राज्य की टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना था। इसके बाद जिले व विकासखंड की टीम द्वारा शेष विकासखंडों में ट्रेनिंग दी जानी थी। एनएचएम के डायरेक्टर ने सीएमएचओ को 7 दिन में प्रशिक्षण पूरा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन सीएमएचओ ने निर्देशों का पालन नहीं कराया।
जिले के एक विकासखंड में राज्य की टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना था। इसके बाद जिले व विकासखंड की टीम द्वारा शेष विकासखंडों में ट्रेनिंग दी जानी थी। एनएचएम के डायरेक्टर ने सीएमएचओ को 7 दिन में प्रशिक्षण पूरा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन सीएमएचओ ने निर्देशों का पालन नहीं कराया।
यह है स्थिति
– ब्लाक एएनएम खरीदी की संख्या
– बैढ़न 70 60
– देवसर 56 38
– चितरंगी 60 57 एप का उपयोग
– अपने उप स्वास्थ्य केन्द्र के सभी गांवों का डाटा लिंक करना।
– नए दंपति, नई गर्भवती महिला और नए शिशु का पंजीयन।
– ब्लाक एएनएम खरीदी की संख्या
– बैढ़न 70 60
– देवसर 56 38
– चितरंगी 60 57 एप का उपयोग
– अपने उप स्वास्थ्य केन्द्र के सभी गांवों का डाटा लिंक करना।
– नए दंपति, नई गर्भवती महिला और नए शिशु का पंजीयन।
फील्ड में काम कर रही लगभग सभी एएनएम ने टैबलेट फोन खरीद लिए हैं। उन्होंने बीएमओ को बिल दे दिया है। जल्द ही उनके खाते में राशि भेजी जायेगी।
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ