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नकदी संकट से बढ़ी परेशानी, होम लोन लेने से बच रहे लोग

locationनई दिल्लीPublished: Jun 16, 2019 05:56:30 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

हाउसिंग फाइनेंस ग्रोथ घटकर 13-15 फीसदी तक।
ICRA ने अपनी रिपोर्ट में किया दावा।
हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में NPA में 1.8 फीसदी की बढ़ोतरी।

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नकदी की संकट से बढ़ी परेशानी, घर खरीदने के लिए लोन लेने से बच रहे आम लोग

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में हाउसिंग फाइनेंस ग्रोथ ( Housing Finance Growth ) की रफ्तार सुस्त पड़कर 13-15 फीसदी हो सकती है। रेटिंग एजेंसी इकरा ( ICRA ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह देश के गैर-बैंकिंग वित्तीय सेक्टर ( NBFC ) में नकदी की संकट है। NBFC में नकदी की इस संकट का असर हाउसिंग क्रेडिट ( Housing Credit ) पर भी पड़ सकता है, जोकि मार्च 2019 तक करीब 19.1 लाख करोड़ रुपए का रहा है। ध्यान देने वाली बात है कि सरकार आर्थिक ग्रोथ ( economic growth ) को तेज करने के लिए हाउसिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान दे रही है।

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बीते तीन सालों के न्यूनतम स्तर पर जा सकता है हाउसिंग क्रेडिट

इकरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “कठिन ऑपरेटिंग माहौल को देखते हुए, हम अनुमान लगा रहे हैं कि वित्त वर्ष 2020 में हाउसिंग क्रेडिट 13-15 फीसदी के बीच रहेगा, जोकि बीते तीन सालों में सबसे न्यूनतम होगा। बीते वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 17 फीसदी तक पहुंच चुका था।” हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए कुल इंडस्ट्री लोन ग्रोथ वित्त वर्ष 2018 के लिए घटकर 15 फीसदी के स्तर पर आ चुका है।

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एनबीएफसी संकट के बाद हाउसिंग कंपनियों की ग्रोथ पर असर

पिछले साल सितंबर माह में पहली बार एनबीएफसी सेक्टर संकट आने के बाद डीएचएफएल और रिलायंस कैपिटल जैसी कंपनियों के लिए परेशानियां खड़ी कर चुका है। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2019 के लिए कई हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की ग्रोथ घटकर 10 फीसदी के स्तर तक आ चुकी है। हालांकि, इस बीच बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ तुलनात्मक दृष्टिकोण से बेहतर रहा है। एक साल में यह 13 फीसदी से बढ़कर 19 फीसदी के स्तर पर चुका है।

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किफायती घरों के लिए एनपीए में आई गिरावट

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ डेवलपर्स की परेशानियों की वजह से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के एनपीए में 1.8 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है। पिछले वित्त वर्ष में यह कम हुआ था। दिसंबर 2018 में किफायती घरों के लिए एनपीए 5 फीसदी से कम होकर मार्च 2019 तक 4.6 फीसदी के स्तर पर आ चुका है।

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