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अब इस राज्य की स्मार्ट सिटी पर सरकार खर्च करेगी 1000 करोड़ रुपए

Published: Apr 14, 2018 11:52:15 am

सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि स्मार्ट सिटी में खेलने के मैदान के साथ आधुनिक तकनीक की यातायात व्यवस्था होनी चाहिए।

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देश के अन्य राज्यों की तरह बिहार में शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलने की कवायद शुरू हो चुकी है। इस संबंध में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि स्मार्ट सिटी में खेलने के मैदान के साथ आधुनिक तकनीक की यातायात व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार के स्मार्ट सिटी के लिए चयनित चार शहरों को अगले पांच वर्षो में एक-एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पटना के एक होटल में आयोजित ‘स्मार्ट सिटी कन्क्लेव’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में बच्चों के खेलने के लिए खेल का मैदान, पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ, साइकिल ट्रैक, इलेक्ट्रॉनिक व बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन और आधुनिक तकनीक आधारित समन्वित यातायात प्रबंधन होना चाहिए।
मोदी ने कहा, स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए बिहार के चयनित चार शहरों पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ में अगले पांच सालों में एक-एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा विभिन्न विभागों की अनेक योजनाओं के जरिए भी काफी राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के तहत पटना में सीवरेज लाइन और ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना पर केंद्र सरकार तीन हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
स्मार्ट सिटी बनाने में राशि की कोई समस्या नहीं होने का दावा करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि दुनिया की आधुनिकतम तकनीक को अपना कर और देश के अन्य स्मार्ट सिटी घोषित शहरों में जो बेहतर हो रहा है, उसका अनुकरण कर योजनाएं बनाने की जरूरत है। उन्होंने विकास का पैमाना शहरीकरण को बताते हुए कहा, देश के जो राज्य जितना विकसित है, वहां शहरीकरण की दर उतनी ही अधिक है। तमिलनाडु में शहरीकरण का प्रतिशत 48, केरल में 42 और बिहार में 11 हैं। वर्ष 2011 में देश का शहरीकरण 31.06 प्रतिशत जबकि वर्ष 1901 में मात्र 11 प्रतिशत था।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक देश का 40.76 प्रतिशत शहरीकरण होने का अनुमान है। स्मार्ट सिटी की अवधारणा यह है कि शहरों को रहने लायक कैसे बेहतर बनाया जाए।

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