पश्चिम रेलवे के वाणिज्य विजिलेंस इंस्पेक्टर मनोज यादव, सौरभ मसेकर, मिक्की सक्सेना, हेड कांस्टेबल रवि साठे, सीएस पाटिल की विजिलेंस टीम को उक्त सूचना मिलने पर पहले सामान्य यात्री बनकर पहुंचे। इसके बाद जब उन्होंने अपनी आंख से पूरा गौरखधंधा देखा तो हैरान रह गए। इसके बाद छापा मार कर बड़ी कार्यवाही की गई। विजिलेस की इस कार्यवाही के बाद मण्डल पर हड़कंप मच गया।
यह मिला जांच में
जांच में यह पाया गया कि कालाकुंड स्टेशन पर बिना किसी अनुमति के पुराना ठेकेदार 100 से 120 रुपये में खाने का अवैध विक्रय का धंधा कर रहे थे। ये लोग खाना रेलवे स्टेशन पर रेलवे के ही ओआरएच के किचन में बना कर यात्रियों को दे रहे थे। आश्चर्य की बात यह है कि यह लोग खाना बनाने के लिए गैस की टंकी का उपयोग रेलवे स्टेशन पर कर रहे थे, जो कि रेलवे नियमो का सीधा उल्लघंन व यात्रियों की सेफ्टी पर प्रश्न उठाता है। इनके पास कोई परमिशन लेटर, फूड सेफ्टी लाइसेंस, मेडिकल कार्ड इत्यादि भी नही था। हेरिटेज ट्रेन को 5 अगस्त से शुरू किया गया था तब से इनके द्वारा केंटीन बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से संचालित की जा रही थी।
जांच में यह पाया गया कि कालाकुंड स्टेशन पर बिना किसी अनुमति के पुराना ठेकेदार 100 से 120 रुपये में खाने का अवैध विक्रय का धंधा कर रहे थे। ये लोग खाना रेलवे स्टेशन पर रेलवे के ही ओआरएच के किचन में बना कर यात्रियों को दे रहे थे। आश्चर्य की बात यह है कि यह लोग खाना बनाने के लिए गैस की टंकी का उपयोग रेलवे स्टेशन पर कर रहे थे, जो कि रेलवे नियमो का सीधा उल्लघंन व यात्रियों की सेफ्टी पर प्रश्न उठाता है। इनके पास कोई परमिशन लेटर, फूड सेफ्टी लाइसेंस, मेडिकल कार्ड इत्यादि भी नही था। हेरिटेज ट्रेन को 5 अगस्त से शुरू किया गया था तब से इनके द्वारा केंटीन बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से संचालित की जा रही थी।
इन पर उठे सवाल
कोरोना काल मे बिना मेडिकल व फूड सेफ्टी लाइसेंस के धड़ल्ले से यह अवैध धंधा स्टेशन मास्टर, वाणिज्य निरीक्षक, आरपएफ, हेल्थ इंस्पेक्टर, सेक्शन इंजीनियर की नाक के नीचे चल रहा था। जिसके कारण रेलवे को ना केवल आर्थिक नुकसान हो रहा था बल्कि कोरोना रोकथाम की गति को भी हानि पहुंचा रहा था।
कोरोना काल मे बिना मेडिकल व फूड सेफ्टी लाइसेंस के धड़ल्ले से यह अवैध धंधा स्टेशन मास्टर, वाणिज्य निरीक्षक, आरपएफ, हेल्थ इंस्पेक्टर, सेक्शन इंजीनियर की नाक के नीचे चल रहा था। जिसके कारण रेलवे को ना केवल आर्थिक नुकसान हो रहा था बल्कि कोरोना रोकथाम की गति को भी हानि पहुंचा रहा था।
रेल कर्मचारी के परिजन चला रहे
दबिश मारने गई टीएम के एक सदस्य ने नाम नहीं प्रकाशन के आग्रह के साथ बताया विजिलेंस टीम द्वारा मौके पर पहुंच कर, जैसे ही अवैध वेंडर द्वारा यात्रियों को खाना, कोल्डड्रिंक व चाय विक्रय करते पकड़ा तो वेंडर द्वारा बताया गया कि अभी केंटीन का आवंटन नही हुआ है। यह भी बताया गया कि यह ठेका रेल कर्मचारी के परिवारजन के द्वारा संचालित किया जा रहा है। इनके द्वारा उपयोग किये जा रहे सामान को विजिलेंस टीम द्वारा सीज करते हुए किचन को लॉक करवा दिया गया। इस दौरान कई अधिकारीगण भी इस सेक्शन में विजिट करके आये परन्तु किसी ने इस और ध्यान नही दिया। यह विजिलेंस की इस सेक्शन में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है।
दबिश मारने गई टीएम के एक सदस्य ने नाम नहीं प्रकाशन के आग्रह के साथ बताया विजिलेंस टीम द्वारा मौके पर पहुंच कर, जैसे ही अवैध वेंडर द्वारा यात्रियों को खाना, कोल्डड्रिंक व चाय विक्रय करते पकड़ा तो वेंडर द्वारा बताया गया कि अभी केंटीन का आवंटन नही हुआ है। यह भी बताया गया कि यह ठेका रेल कर्मचारी के परिवारजन के द्वारा संचालित किया जा रहा है। इनके द्वारा उपयोग किये जा रहे सामान को विजिलेंस टीम द्वारा सीज करते हुए किचन को लॉक करवा दिया गया। इस दौरान कई अधिकारीगण भी इस सेक्शन में विजिट करके आये परन्तु किसी ने इस और ध्यान नही दिया। यह विजिलेंस की इस सेक्शन में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है।