जरुरत दो लाख लीटर की हर दिन
मेडिकल कॉलेज और इसके परिसर में रहने वाले परिवारों और स्टूडेंट के हॉस्टल्स में प्रारंभिक रूप से इस समय करीब एक से डेढ़ लाख लीटर पानी की जरुरत है। यह पानी उन्हें पीने और उपयोग करने के लिए चाहिए होता है किंतु इस समय नगर निगम से कभी 80, 60 तो कभी 40 हजार लीटर ही उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में यहां रहने वाले परिवारों में से कई को महीने में एक या दो टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है। पानी के टैंकर खरीदने पर उन्हें अतिरिक्त आर्थिक बोझ सहना पड़ रहा है।
यह है नगर निगम से अनुबंध
मेडिकल कॉलेज शुरू होने से पहले नगर निगम से एमपीआरडीसी के हुए अनुबंध के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह चालू हो जाने की स्थिति में हर दिन आठ लाख लीटर पानी की जरुरत रहेगी। इसके मुताबिक नगर निगम ने पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए सहमति भी दी है। जब मेडिकल कॉलेज शुरू नहीं हुआ था तब नगर निगम से इतना ही पानी पहुंचाया जा रहा था किंतु मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद जैसे-जैसे प्रोफेसर व स्टॉफ और स्टूटेंड आए तो पानी की जरुरत बढ़ गई है।
मेडिकल कॉलेज और इसके परिसर में रहने वाले परिवारों और स्टूडेंट के हॉस्टल्स में प्रारंभिक रूप से इस समय करीब एक से डेढ़ लाख लीटर पानी की जरुरत है। यह पानी उन्हें पीने और उपयोग करने के लिए चाहिए होता है किंतु इस समय नगर निगम से कभी 80, 60 तो कभी 40 हजार लीटर ही उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में यहां रहने वाले परिवारों में से कई को महीने में एक या दो टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है। पानी के टैंकर खरीदने पर उन्हें अतिरिक्त आर्थिक बोझ सहना पड़ रहा है।
यह है नगर निगम से अनुबंध
मेडिकल कॉलेज शुरू होने से पहले नगर निगम से एमपीआरडीसी के हुए अनुबंध के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह चालू हो जाने की स्थिति में हर दिन आठ लाख लीटर पानी की जरुरत रहेगी। इसके मुताबिक नगर निगम ने पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए सहमति भी दी है। जब मेडिकल कॉलेज शुरू नहीं हुआ था तब नगर निगम से इतना ही पानी पहुंचाया जा रहा था किंतु मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद जैसे-जैसे प्रोफेसर व स्टॉफ और स्टूटेंड आए तो पानी की जरुरत बढ़ गई है।
फैक्ट फाइल
कॉलेज स्टॉफ के परिवार —- 45 (एक परिवार में औसत चार सदस्य)
कॉलेज स्टूडेंड ———– 150
कॉलेज में आउट सोर्सिंग से लगे कर्मचारी —- 50
कॉलेज में परीक्षा होने पर आने वाले स्टूडेंड —- 150-200
———–
दो ट्यूबवेल खुदवाए गए
कॉलेज में पानी की समस्या तो है। इसकी पूर्ति के लिए पीएचई के माध्यम से तीन ट्यूबवेल खुदवाए गए है। इससे भी पानी ले रहे हैं किंतु इतना पानी नहीं मिल पा रहा है जितना आवश्यकता है। कई बार टैंकर से पानी खरीदा गया है।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन, मेडिकल कॉलेज, रतलाम
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व्यवस्था में कर रहे हैं सुधार
शहर में लीकेज की समस्या बहुत ज्यादा है। इस पर विभाग को नियंत्रण करना जरूरी है। हम मेडिकल कॉलेज को पर्याप्त पानी देने के लिए प्रयास कर रहे हैं जिससे कोई परेशानी नहीं हो सके। विभागीय अधिकारियों को पहले भी हम इस बारे में बता चुके हैं।
डॉ. सुनीता यार्दे, महापौर, रतलाम
कॉलेज स्टॉफ के परिवार —- 45 (एक परिवार में औसत चार सदस्य)
कॉलेज स्टूडेंड ———– 150
कॉलेज में आउट सोर्सिंग से लगे कर्मचारी —- 50
कॉलेज में परीक्षा होने पर आने वाले स्टूडेंड —- 150-200
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दो ट्यूबवेल खुदवाए गए
कॉलेज में पानी की समस्या तो है। इसकी पूर्ति के लिए पीएचई के माध्यम से तीन ट्यूबवेल खुदवाए गए है। इससे भी पानी ले रहे हैं किंतु इतना पानी नहीं मिल पा रहा है जितना आवश्यकता है। कई बार टैंकर से पानी खरीदा गया है।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन, मेडिकल कॉलेज, रतलाम
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व्यवस्था में कर रहे हैं सुधार
शहर में लीकेज की समस्या बहुत ज्यादा है। इस पर विभाग को नियंत्रण करना जरूरी है। हम मेडिकल कॉलेज को पर्याप्त पानी देने के लिए प्रयास कर रहे हैं जिससे कोई परेशानी नहीं हो सके। विभागीय अधिकारियों को पहले भी हम इस बारे में बता चुके हैं।
डॉ. सुनीता यार्दे, महापौर, रतलाम