11 माह बाद भी बैंक नहीं पहुंची आपके द्वार
कनेरिया ने बताया कि केश ट्रॉजेक्शन को कम करने व डिजिटल को बढ़ावा देने लिए डाक विभाग ने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत की थी। ताकि जिन लोगों के पास बैंकिंग सुविधा नहीं है वे इस सुविधा का लाभ ले सके। रतलाम में इसकी शुरुआत एक सितंबर को हुई थी। इस दौरान यह सुविधा पांच स्थानों पर शुरू की गई थी। 31 दिसंबर 18 के बाद यह सुविधा रतलाम संभाग के 183 डाकघर-उपडाकघर में शुरू हो गई है। अब तक करीब 13 हजार खाते खुल चुके हैं। इनमें 15 लाख की राशि जमा हो चुकी है।हमारे यहां के एटीएम में 500-600 ट्रॉजेक्शन हो रहे हैं। इस मौके पर एएसपी देवेश ओसारी, पोस्टमास्टर आरके तिजारे व सिस्टम मैनेजर गोपाल सोनी उपस्थित थे। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से विभाग ने डाक विभाग की सुकन्या योजना सहित अन्य बैंकिंग योजनाओं को भले ही ऑनलाइन शुरू कर दिया है, लेकिन जिस उद्ेश्य को लेकर यह बैंक शुरू की गई । वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इस योजना के तहत उपभोक्ता को बैंक जमा व निकासी के लिए घर बैठे सुविधा देने के लिए बैंक आपके द्वार ध्येय को लेकर शुरू की गई थी। जिसमें उपभोक्ता के मोबाइल करने पर उसे घर बैठे राशि का भुगतान व जमा होना था। 11 माह बीत जाने के बाद भी इस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाई है।
कनेरिया ने बताया कि केश ट्रॉजेक्शन को कम करने व डिजिटल को बढ़ावा देने लिए डाक विभाग ने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत की थी। ताकि जिन लोगों के पास बैंकिंग सुविधा नहीं है वे इस सुविधा का लाभ ले सके। रतलाम में इसकी शुरुआत एक सितंबर को हुई थी। इस दौरान यह सुविधा पांच स्थानों पर शुरू की गई थी। 31 दिसंबर 18 के बाद यह सुविधा रतलाम संभाग के 183 डाकघर-उपडाकघर में शुरू हो गई है। अब तक करीब 13 हजार खाते खुल चुके हैं। इनमें 15 लाख की राशि जमा हो चुकी है।हमारे यहां के एटीएम में 500-600 ट्रॉजेक्शन हो रहे हैं। इस मौके पर एएसपी देवेश ओसारी, पोस्टमास्टर आरके तिजारे व सिस्टम मैनेजर गोपाल सोनी उपस्थित थे। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से विभाग ने डाक विभाग की सुकन्या योजना सहित अन्य बैंकिंग योजनाओं को भले ही ऑनलाइन शुरू कर दिया है, लेकिन जिस उद्ेश्य को लेकर यह बैंक शुरू की गई । वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इस योजना के तहत उपभोक्ता को बैंक जमा व निकासी के लिए घर बैठे सुविधा देने के लिए बैंक आपके द्वार ध्येय को लेकर शुरू की गई थी। जिसमें उपभोक्ता के मोबाइल करने पर उसे घर बैठे राशि का भुगतान व जमा होना था। 11 माह बीत जाने के बाद भी इस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाई है।