scriptइस जिला अस्पताल में तीनों ओटी के एसी छह माह से बंद, सीएमएचओ बोले, सीएस ने नहीं दी जानकारी | ratlam news | Patrika News

इस जिला अस्पताल में तीनों ओटी के एसी छह माह से बंद, सीएमएचओ बोले, सीएस ने नहीं दी जानकारी

locationरतलामPublished: Aug 20, 2018 05:24:53 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

लापरवाही से मरीजों में बढ़ा इनफेक्शन का खतरा, मेडिकल प्रोटोकाल का उल्लंघन

patrika

इस जिला अस्पताल में तीनों ओटी के एसी छह माह से बंद, सीएमएचओ बोले, सीएस ने नहीं दी जानकारी

रतलाम। मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध जिला अस्पताल में मरीजों के ऑपरेशन के लिए बनाए गए तीनों ओटी में पिछले छह माह से एअर कंडीशन (एसी) बंद हैं। मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार बिना एअरकंडीशन के बड़े ऑपरेशन होने पर मरीजों में इनफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके बावजूद एअरकंडीशन सुधरवाए नहीं जा रहे हैं। जबकि जिला अस्पताल के सीएस और सीएमएचओ चैंबर में लगे एयर कंडीशनर (एसी) बंद होने के तुरंत बाद उसी दिन सुधर जाते हैं, लेकिन मरीजों के अच्छे इलाज के लिए जरूरी एसी को छह माह से सुधरवाया नहीं जा सका।
पूर्व सीएमएचओ डॉ. पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन थियेटर में तो एसी अनिवार्य संसाधन है, इसे कैसे बंद किया जा सकता है। छह माह से एसी बंद है, ये तो गंभीर मामला है। ओटी में जरा सा गर्मी होने पर तो मरीज को पसीना आने पर तत्काल इनफेक्शन हो सकता है। ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर का पसीना यदि गलती से भी मरीजे के स्पॉटेड पॉइंट पर गिरा तो भी खतरा बढ़ जाता है। जिला अस्पताल तो हाल ही में मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हुआ है, इसमें तो आधुनिक संसाधान जुटाए जा रहे हैं। छह माह तो क्या ओटी का एसी एक दिन भी बंद नहीं कर सकते हैं। मौजूदा सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि ऐसा कैसे हो सकता है। आज तक सीएस ने एक बार भी नहीं बताया कि एसी बंद है। ऑपरेशन थिएटर के एसी कैसे बंद हो सकते हैं। मैं इस बारे कल ही बात करता हूं। इसे तुरंत चालू करवाया जाएगा।
डॉक्टरों के मुताबिक ओटी में इनफेक्शन का खतरा कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ओटी से पंखे हटाकर एसी लगावा रहा है, यहां विपरीत स्थितियां है। ऑपरेशन के प्रोटोकाल का ही पालन नहीं किया जा रहा है। सरकार मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं। जिले में शासकीय मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद यहां मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में ऑपरेशन थिएटर में लंबे समय से एसी का बंद होना गंभीर लापरवाही माना जा रहा है। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में पीएचसी लेवल पर भी जो ओटी बने हैं उनमें लगे हुए पंखों को हटाकर एसी लगवाए गए हैं।
इस तरह होना चाहिए तापमान
आमतौर पर गॢमयों और बारिश के दौरान होने वाले ऑपरेशन के समय एसी का होना जरुरी माना गया है। गर्मियों में ओटी के बाहर का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो तो ओटी का तापमान 24-25 डिग्री होना चाहिए। बारिश में तापमान का उतार-चढ़ाव और उमस होती के दौरान ओटी में तापमान 20-22 तक रखा जाता है। सर्दियों में बाहर का तापमान 10 डिग्री तक आता है तो ओटी में यही तापमान 18 से 20 के बीच रखना पड़ता है।
इसलिए जरूरी है ओटी में एसी
– ओटी में पंखे नहीं चलाए जाते हैं। पंखों से धूल के कण ऑपरेशन वाले हिस्से में लगने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। एसी में इस तरह की बात नहीं होती है।
– ओटी में जिस मरीज का ऑपरेशन किया जाना होता है उसे दवाइयां और इंजेक्शन दिए जाते हैं। शरीर का तापमान बढ़ जाता है। नियंत्रित करने के लिए एसी जरुरी माना गया है।
– ओटी में एसी नहीं होने से चारों तरफ से वह बंद रहता है। इससे वहां का तापमना बढ़ जाता है जिससे मरीज के ऑपरेशन वाले हिस्से में इंफेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा होता है।
– तापमान जितना कम होगा उतना ही कीटाणुओ और बैक्टिरिया के फैलने की आशंका कम हो जाती है। ज्यादा तापमान में इनके तेजी से फैलने की आशंका बढ़ती है।
यह तो गलत है
किसी भी ओटी में एसी होना निहायत ही जरुरी है। ओटी के प्रोटोकॉल में शामिल है ताकि वहां मरीज और डॉक्टर्स को किसी तरह की असुविधा नहीं हो। तापमान कम होने से कीटाणु और बैक्टीरिया नहीं पनप पाते हैं जिससे इंफेक्शन नहीं हो पाता है। ओटी में एसी का होना जरुरी है,यदि बंद है तो यह गलत है।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन मेडिकल कॉलेज, रतलाम
हां बंद हैं एसी
ओटी के एसी बंद है यह सही है। ओटी में लगे एकाध एसी तो चल रहे हैं। ओटी में नए एसी लगाने के लिए प्रक्रिया की जा रही है। वर्तमान एसी को भी सुधारने के लिए मैकेनिक से संपर्क किया जा रहा है। जल्द ही इन्हें सुधार लिया जाएगा।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो