नगर निगम के जिम्मेदारों के पास लगता है कोई योजना ही नहीं है कि कहां क्या काम कराना है और क्या काम शुरू हो रहा है। कुछ इसी तरह का मामला कालिका माता परिसर में देखने को मिला है। इधर से पाइप लाइन डालने की योजना हाल ही में तो नहीं बनी होगी और न ही इसके लिए राशि स्वीकृत हुई होगी। ऐसी स्थिति में पहले पाइप लाइन डालने के बाद यहां काम करना था लेकिन नहीं किया गया। इसी तरह फव्वारा चौक से छत्रीपुल तक के सिटी फोरलेन में भी देखने को मिल चुका है। यहां सिटी फोरलेन निर्माण शुरू होने के बाद निगम को पाइप लाइन शिफ्ट करने की याद आई थी जिससे इसका काम काफी लेट हो गया।