scriptमध्यप्रदेश के इस सरकारी विभाग का कारनामा रुपए ले लिए लेकिन नहीं दिया योजना का लाभ | Ratlam latest news | Patrika News

मध्यप्रदेश के इस सरकारी विभाग का कारनामा रुपए ले लिए लेकिन नहीं दिया योजना का लाभ

locationरतलामPublished: Aug 25, 2018 02:20:35 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

मध्यप्रदेश के इस सरकारी विभाग का कारनामा रुपए ले लिए लेकिन नहीं दिया योजना का लाभ

patrika

मध्यप्रदेश के इस सरकारी विभाग का कारनामा रुपए ले लिए लेकिन नहीं दिया योजना का लाभ

रतलाम। मध्य प्रदेश के एक सरकारी विभाग की योजना अन्तर्गत व्यक्ति से रुपए तो जमा करा लिए, लेकिन जब उसे नुकसान हुआ तो उसे उसकी प्रीमियम राशि के अनुसार नुकसानी का लाभ नहीं दिया गया। ऐसे एक दो या चार-पांच नहीं सैकड़ों किसान है जो अब भी इस विभाग के चक्कर काट रहे है, लेकिन कोई उन्हे उचित जवाब तक नहीं दे पा रहा है कि आखिर प्रीमियम की राशि काटी गई तो उसे नुकसानी पर क्लेम का राशि क्यों नहीं दी जा रही है।
हम बात कर रहे है मध्य प्रदेश के रतलाम शहर की जहां पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत ऋणि और अऋणि हजारों किसानों के पिछले साल 2017-18 फसल बीमा अन्तर्गत प्रीमियम राशि काटी गई, लेकिन जब नुकसान हुआ तो विभाग क्लेम की राशि दे पा रहे हैं। अब तब सैकड़ों किसान फसल बीमा की मांग को लेकर कलेक्टोरेट पहुंचकर राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कलेक्टर तक के नाम ज्ञापन देकर क्लेम राशि की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई उचित जवाब नहीं दिया जा रहा है।
शिकायत की किसी ने सुनवाई नहीं की

हालात यह है कि हर दूसरे दिन जिला कलेक्टोरेट पर किसान अलग-अलग विकासखंडों से नुकसानी का मुआवजा राशि की मांग को लेकर पहुंच रहे हैंं। रतलाम ग्रामीण के ग्राम ईटावाकला के किसान भागीरथ पाटीदार ने कृषि विभाग पहुंचकर बताया कि पिछले साल मेरा खेत जो कालूखेड़ी में है पर सात बीघा की सोयाबीन फसल की खराब हुई थी। इसके पूर्व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत प्रीमियम भी काटी गई, सोसायटी में भी लिखकर दिया और ऑनलाईन और बीमा कम्पनी को भी शिकायत की किसी ने सुनवाई नहीं की। मेरी जमीन कालूखेड़ी में है वहां के अन्य किसानों का बीमा आया है, मुझे ही छोड़ दिया। इसकी शिकायत लेकर अब कृषि विभाग पहुंचा हूं। यहां उपसंचालक जीएस मोहनिया ने बताया मामले की जांच करवाई जा रही है, इनकी मांग जायज है। इस संबंधमें जिला सहकारी बैंक से बात कर जानकारी निकाली जा रही है कि इन्हे क्यों मुआवजा नहीं मिला।
7 बीघा जमीन है, सारी सोयाबीन खराब हो गई थी

किसान ने बताया कि बैंकवाले बता रहे हैं कि केसीसी ईटावाकला के नाम से बनी है, जबकि ईटावाकला में तो मेरी कोई जमीन भी नहीं है, फिर केसीसी यहां की कैसी बन सकती है। 7 बीघा जमीन है, सारी सोयाबीन खराब हो गई थी। पवन जाट ने बताया कि ऐसे कई किसान है, जो रहते दूसरे गांव में है और जमीन अन्य गांव में लगती है उनका भी बीमा नहीं आया है। भागीरथ पाटीदार सहित कई किसान जिनका इसी प्रकार से बीमा क्लेम नहीं आया है। जबकि मेरी प्रधानमंत्री फसल बीमा की प्रीमियम काटी, फसल नुकसानी के बावजूद एक रुपए का क्लेम नहीं दिया, जबकि उसी हल्का नंबर के किसानों को नुकसानी का क्लेम के रूप में मुआवजा राशि मिली है।
आज तक नहीं मिला फसल बीमा का लाभ
आदिवासी बाहुल्य सैलाना एवं बाजना के अन्तर्गत सहकारी संस्थाओं के अन्तर्गत लेन-देन एवं किसान क्रेडिट कार्ड से बैंकों एवं किसानों के द्वारा लेन-देन होता है। इन सहकारी संस्थाओं में किसानों की संख्या लगभगग दस हजार से अधिक है, को आज तक फसल बीमा का लाभ नहीं प्राप्त हुआ है। जबकि निरीक्षक अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा सर्वे भी किया जा चुका है। यह बात कलेक्टोरेट में जिला पंचायत सदस्य नारायण मईड़ा व किसानों ने कलेक्टर रूचिका चौहान को ज्ञापन सौपते हुए कही। मईड़ा ने बताया कि नियमानुसार किसानों द्वारा वर्ष में एक बार बीमा राशि जमा की जाती है, इसके बावजूद भी इसी क्रम में वर्ष 2017-18 में फसल की नुकसानी वाले वंचित किसानों को तत्काल बीमा राशि दिलवाई जाए, कार्यवाहीं नहीं होने की स्थिति में किसानों को चरणबद्ध आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो