यह भी पढे़ं – VIDEO रेल कोच में रात बिताने का मिलेगा अवसर ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन द्वारा प्रस्तावित 17 जुलाई की रेल रोको आंदोलन व उसके पूर्व 15 से 16 जुलाई तक 24 घंटे की भूख हड़ताल के विरोध में रेलवे बोर्ड हो गया है। बोर्ड के स्थापना मामलों के निदेशक आलोक कुमार ने इसके लिए पश्चिम रेलवे सहित देशभर के जोन महाप्रबंधक को सूचना जारी की है। इसमे सख्त चेतावनी वाली भाषा का उपयोग करते हुए लिखा है कि अगर कोई आंदोलन करते हुए रेल रोके तो उसको रेलवे अधिनियम की धाराओं का उपयोग करते हुए बंद कर दिया जाए व उसकी सूचना बोर्ड तक दी जाए।
यह भी पढे़ं -धंसे ट्रैक से गुजरने वाली थी राजधानी, बेकिंग इंजन के चालक ने बचाई दुर्घटना मांग पर निर्णय ही नहीं कर रही ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के अनुसार किमी के भत्ते रिवाइज किए जाए, रनिंग कर्मचारियों की पेंशन पर सुनवाई हो, सेफ्टी कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, पूर्व की पेंशन व्यवस्था को लागू करते हुए नई पेंशन प्रणाण्ी बंद हो, कू्र बोर्ड की मांग अनुसार वर्र्किंग के घंटे तय किए आदि प्रमुख मांग है। इन मांग को लेकर लगातार मांग हो रही है, यहां तक की रेलवे ने ये भरोसा भी दे दिया कि इन पर विचार होगा, लेकिन वित्त कमेटी तो कुछ मांग पर निर्णय ही नहीं कर रही।
यह भी पढे़ं – तीन माह पहले हो गया रेलवे का ये काम, अब यात्रियों को मिलेगी ये बड़ी सुविधा इस धारा में कार्रवाई रेलवे बोर्ड निदेशक कुमार ने जो सूचना जारी की है, उसके अनुसार रेलवे में जाम, रेल रोकने, भूख हड़ताल करने पर रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 173, 174, 175 के अंतर्गत कार्रवाई होगी। यदि रेल कर्मी हड़ताल में शामिल हुए तो उन्हें ‘नो वर्क नो पेÓ के दायरे में रखा जाएगा और 2 वर्ष की सजा भी हो सकती है। 17 जुलाई से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल में रेलकर्मी शामिल हुए तो उन्हें दो साल की सजा भी हो सकती है। नोटिस रेलवे की ओर से कर्मचारियों को मिलना शुरू हो गया है।
यह भी पढे़ं – डेमू के इंजन में क्यों आ रही समस्या, जानने आए CMPE आंदोलन से डरती पूर्व की सरकारों के समय भी आंदोलन हुए है। लेकिन इस प्रकार के आदेश से ये साफ है कि ये सरकार लोकतंत्र में आंदोलन से डरती है। इस प्रकार के आदेश से किसी को डरने की जरुरत नहीं है। यूनियन ताकत से कर्मचारियों के साथ खड़ी है।
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प्रकाश व्यास, प्रवक्ता, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन