पूरी याद है हर लाइन जिस तरह से श्रीमद् भागवत गीता में 18 अध्याय है, उसी तरह से कुरआन शरीफ में 30 पारे हैं। अगर आयत के हिसाब से बात की जाए तो आमजन एेसे समझें कि 6666 हजार लाइनें है जो इन बच्चों को पूरी याद है। ये बगैर देखें न सिर्फ सुना सकते हैं, बल्कि अब इन लाइनों को विस्तार से समझने की पढ़ाई कर रहे हैं। शहर के अशोक नगर में संचालित जामिया कमरुल मदरसे में 8 वर्ष में एेसे 72 बच्चे निकले हैं, जिनको अरबी भाषा में पूरी कुरआन याद है। यहां के प्राचार्य मौलाना अतिक एहमद फैजाबाद के हैं। 63 वर्ष के ये मौलाना कहते हैं, संसार के किसी भी धर्म की किताब पढ़ों मोहब्बत के बारे में बताती है। इसको खराब तो सियासत ने किया है।
समझने की जरुरत है संदेश को मौलाना के अनुसार कुरआन में भी जीवन को धर्म के अनुसार जीने के बारे में बताया है, जो संदेश उपर वाले ने दिया, बस उसको समझने की जरुरत है। इस तरह होती पढ़ाईयहां जिन तीन बच्चों को पूरी कुरआन याद है, उनमें मो. अरीव अली (15), मो. कासिम (11) व मो. अरमान (12) शामिल है। इन बच्चों ने बताया कि सुबह 4 बजे से 6 बजे तक, 7 बजे से 11 बजे तक, दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक व रात को 7 बजे से 11 बजे पढ़ाई करते हैं। बीच में खाने की छुट्टी होती है।
10 माह में किया याद करीब 3 वर्ष में कुरआन की पढ़ाई का पहला पाठ होता है। जब ये याद हो जाता है तो आगे की पढ़ाई होती है। इसमें जो पढ़ा, उसका मतलब समझाया जाता है। सबसे कम समय में शुजालपुर के अब्दुल अजीज यहां से मात्र 10 माह में पूरी कुरआन की पढ़ाई करके निकले हैं। अनेक भाषा की होती पढ़ाईप्राचार्य कहे या मौलाना अहमद के अनुसार उनके यहां पर उर्दू, हिंदी, अंगे्रजी, गणित, पश्तून भाषा की पढा़ई होती है। इन बच्चों में मो. अरीव रतलाम के, मो. अरमान राजस्थान के गंगापुरसिटी के व मो. कासिम शुजालपुर के हैं।