scriptमेधा की गिरफ्तारी का विरोध, धरना देकर निकली रैली | Protest against Medhas arrest rally rally | Patrika News

मेधा की गिरफ्तारी का विरोध, धरना देकर निकली रैली

locationरतलामPublished: Aug 14, 2017 11:42:00 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

पारस सकलेचा के नेतृत्व में सामाजिक कार्यकर्ता व वरिष्ठजनों ने निकाली रैली

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रतलाम। नर्मदा बचाओ आंदोलन को कुचलने के लिए शिवराज सरकार ने सारी मर्यादा तोड़ दी है। उन्हें मप्र के नुमाइंदे की तरह काम करना था, लेकिन वह भाजपा के एजेंट व प्रधानमंत्री के नुमाइंदे की तरह काम कर रहे हैं। सीएम ने मेधा पाटकर को गिरफ्तार करने में छल का उपयोग किया है, झूठे वादे कर धोखा दिया है। ये आरोप पारस सकलेचा ने स्टेडियम मार्केट में विचार मध्यप्रदेश द्वारा मेधा पाटकर की गिरफ्तारी के विरोध में दिए जा रहे धरने में लगाए।
वहीं कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया ने कहा कि मेधा पाटकर के साथ पुलिस ने जो जुल्म किया है, उसका हिसाब प्रदेश की जनता करेगी। शिवराज अभिमान में इस तरह डूब गए है कि वे जन नेताओं का अपमान करने से भी नहीं चुकते हैं। वह गुमराह करते हैं और अपने वादे पर भी कायम नहीं रहते हैं। मेधा के समर्थन में विचार मध्यप्रदेश संस्था द्वारा स्टेडियम मार्केट में करीब चार घंटे तक धरना प्रदर्शन चला। इसमें सामाजिक कार्यकर्ता व वरिष्ठजन शामिल रहे। धरने के बाद सभी लोग रैली बनाकर शहर के मुख्य मार्गाें से होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। संयुक्त कलेक्टर लक्ष्मी गामड़ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।
प्रकरण वापस लेने की मांग

शिवराज सरकार के नाम दिए गए ज्ञापन में मेधा पाटकर को रिहा करने सहित करीब तीन हजार कार्यकर्ताओं पर दर्ज प्रकरणों को वापस लेने की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त विस्थापितों को मुआवजा देने, पुर्नवास स्थल पर संपूर्ण व्यवस्था किए जाने व बेरोजगारों को रोजगार दिलाए जाने की मांग की। ज्ञापन के दौरान पर्यावरणविद् खुशहालसिंह पुरोहित, विचार मप्र की सचिव नीलू अग्रवाल, धर्मेंद्र मंडवारिया, पीयूष बाफना सहित कई लोग मौजूद थे।
पर्यावरणविद खुशालसिंह पुरोहित ने कहा कि नर्मदा आंदोलन ने विश्व में देश की साख को बढ़ाया है। १९७८ से शुरू हुआ यह आंदोलन गांधीवादी काशीनाथ त्रिवेदी तथा बाबा आमटे के बाद मेघा पाटकर ने चलाया। सरकार का यह रवैया इस आंदोलन के प्रति हमेशा अनुचित रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राधावल्लभ खण्डेलवाल ने यह आंदोलन गरीबों, भूमिहिनों की जंग है और हमारी सहभागिता जरूरी है, ताकि हमें आजादी का अहसास होता रहे। विजय स्टीफन ने कहा कि विचार म.प्र. ने अनूठा काम किया है। नौजवानों ने इस तरह के आंदोलन की चर्चा नहीं होगी, तो फिर से गुलाम हो जाएगा। युवा नेता राकेश झालानी ने कहा कि मेघा पाटकर का रतलाम से घनिष्ठ रिश्ता रहा है और उनकी गिरफ्तारी से हम सब दुखी है। हमारी जंग जारी रहना चाहिए।
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