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डाक विभाग का आलस नहीं बना पाया सुकन्या, जिले में 1 फीसद ही खुले खाते

locationरतलामPublished: Jan 23, 2018 05:52:26 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

सुकन्या समृद्धि योजना: योजना में जिले में अब तक सिर्फ एक प्रतिशत काम हुआ

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रतलाम। वर्ष २०१५ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की लाड़ली बेटियों को आगे लाने व आथिक रूप से सुरक्षित बनाने के लिए सुकन्या योजना की शुरुआत की। इस योजना में जिले में अब तक सिर्फ एक प्रतिशत काम हुआ है। जबकि रतलाम रेंज की बात करें तो जो लक्ष्य दिया गया था, उसमें भी सिर्फ दस प्रतिशत खाते खुल पाए हैं।
बेटी की पढ़ाई व शादी के लिए व्यय के तनाव दूर करने को डाक विभाग के पास ‘सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खुलवा सकते हैं, ये प्रचार किया गया। वर्ष २०१५ जनवरी में पीएम नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओÓ कैंपेन में इस स्कीम की शुरुआत की थी। रेंज के डाक विभाग के सभी पोस्ट ऑफिसेज के साथ खाते खोलने के लिए सुविधा सेंटर में भी अलग काउंटर खुला।
इस खाते में एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 1 हजार और अधिक से अधिक डेढ़ लाख रुपया या इसके बीच की कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं। यह पैसा खाता खुलने के 14 साल तक ही जमा करवाना पड़ता है। हालांकि खाता बेटी के 21 साल की होने पर ही मैच्योर होगा। बेटी के 18 साल के होने पर आधा पैसा निकलवा सकते हैं। 21 साल की उम्र के बाद खाता बंद हो जाएगा और जमा रकम अभिभावक को मिलेगी। अगर बेटी की 18 से 21 साल के बीच शादी हो जाती है तो खाता उसी समय बंद हो जाएगा। अगर खाते में राशि जमा होने के समय देरी हुई तो ५० रुपए के दंड का नियम है।
आज से डाकघर में हर काम तत्काल होगा
रेंज में डाकघर विभाग अब पूरा अपडेट हो गया है। मंगलवार से यहां सभी काम कम्प्यूटर से होगा। विभाग ने सोमवार दोपहर बाद से मुख्य डाकघर अधीक्षक दिनेश सिंघल की उपस्थिति में ट्रायल किया। विभाग के अनुसार रेंज में प्रतिदिन करीब १५०० रजिस्ट्री हाथ से होती थी, जो कम्प्यूटर से होगी। विभाग ने अपने कम्प्यूटरों को २० से २२ जनवरी तक रतलाम, झाबुआ व अलीराजपुर में अपडेट किया है। विभाग के अनुसार इस समय रजिस्ट्री, पार्सल बुकिंग सहित अन्य कार्य के लिए लिखा-पढी का काम हाथ से दस्तावेज में होता है। एेसे में काफी समय तो लगता है, साथ-साथ कागजों का व्यय भी होता है।

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