ज्योतिषी रावल ने बताया कि कुछ लोग भगवान की आराधना करते है तो कुछ ज्योतिषी उपाय करके गुणी व बेहतर समन्वय वाला जीवनसाथी पाते है। भारतीय ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र बताए गए है। इन नक्षत्र में 9-9 के तीन चरण होते है। ये आपस में मित्र, सम व विचारधारा नहीं मिलने वाले भी होते है। एेसे में जब दो विपरीत विचारधारा के लोगों का विवाह होता है, तब उनमे कुछ ही समय में संबंध विच्छेद हो जाता है। जबकि समान या मित्र विचारधारा के नक्षत्र पूरे जीवन बेहतर तरीके से रहते है। इनको संसार में लोग मेड इच अदर के नाम से जानते है।
इन पर दो ग्रह करते मेहरबानी वे लोग जिनका पक्षत्र ज्येष्ठा होता है, वे सबसे अधिक भाग्यशाली होते है। 28 नक्षत्र में इसका नंबर 23वां होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दिखने में सुंदर, छरहरे होने के साथ-साथ धर्म में इनकी गहरी पकड़ व आस्था होती है। इस प्रकार के नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों पर भूमि के प्रतिनिधि मंगल व न्याय के देवता शनि की विशेष कृपा होती है। इस नक्षत्र के दो चरण मकर राशि में व दो कुंभ राशि में होते है।
इस नक्षत्र वालों की होती बुद्धि तेज इसी प्रकार धनिष्ठा नक्षत्र में अगर आपके जीवनसाथी या होने वाले जीवनसाथी का नक्षत्र है तो ये जान ले कि इनकी बुद्धि काफी तेज होगी। इतिहास से लेकर भूगोल व विज्ञान विषय इनकी पसंद का होगा। एेसे लोग मन की बात को जल्दी जान लेते है। सामान्य भाषा में बताए तो ये जीवनसाथी की आंखों से ही क्या चाहिए या क्या कहना चाहते है ये समझ जाते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों का विवाह के बाद का जीवन सुखी होता है। जो पुरुष इस नक्षत्र में जन्म लेते है, वे विष्णु समान व जो स्त्री इस नक्षत्र में जन्म लेती है, भारतीय ज्योतिष में उनको लक्ष्मी स्वरूप माना जाता है।