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सुविधाघर को हटाने को लेकर महिलाएं एकजुट

locationरतलामPublished: Aug 21, 2018 06:12:39 pm

Submitted by:

Akram Khan

सुविधाघर को हटाने को लेकर महिलाएं एकजुट

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सुविधाघर को हटाने को लेकर महिलाएं एकजुट

रतलाम। जावरा नगर के हनुमान गली स्थित सुविधाघर को कुछ लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते प्रशासन को गुमराह कर हटवा दिया था। जिसकी शिकायत व्यापारियों ने एसडीएम से शिकायत की थी। जिस पर एसडीएम ने मौका मुआयना कर नपा को पुन: सुविधाघर रखने के निर्देश दिए थे। नपा ने रविवार को हनुमान गली में पुन: पूर्व स्थान पर सुविधाघर को रखा, लेकिन कुछ लोगों ने प्रशासन के आदेश की अवहेलना करते हुए सुविधाघर को पुन: नियत स्थान से हटा दिया। जिसकी शिकायत व्यापारियों ने पुन: एसडीएम, नपा के साथ ही शहर थाना पर की हैं। इधर दूसरी और हनुमान गली की कुछ महिलाओं ने भी एसडीएम एमएल आर्य तथा नपाध्यक्ष अनिल दसेड़ा, स्वास्थ अधिकारी अशोक शर्मा को लिखित शिकायत करते हुए सुविधाघर से होने वाली परेशानी से अवगत कराया और सुविधाघर को हनुमान गली से हटाने की मांग की हैं।
ढोढर महिला सरपंच को मिला स्टे
जावरा. ग्राम पंचायत ढोढर की सरपंच को जिला पंचायत सीईओ ने धारा ४० के तहत पद से पृथक कर दिया था। जिस पर सरपंच ने उज्जैन कमिश्नर को इसके विरुद्ध अपील की थी। जहां से ढोढर सरपंच को स्टे मिल गया हैं। जानकारी के अनुसार मई माह में जनभागीदारी के तहत रमेश प्रजापत की दुकान से मोयाखेडा काकड तक एक किमी सड़क मार्ग का निर्माण करीब आठ लाख रुपये की लागत से होना था। जिसके तहत शारदा बाई धुरालाल प्रजापत ने सीईओ जिला पंचायत से सड़क मार्ग निर्माण कार्य का विरोध करते हुए कहा था कि पंचायत ने शासकीय दस्तावेज का दुरुपयोग कर मेरी निजी भुमी पर सड़क मार्ग का निर्माण कर रही हैं, शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ सोमेश मीश्रा ने मौके का मुआयना कर सचिव राजेन्द्र रोडवार को व इंजीनियर शाकीर अली को दोषी माना और सचिव को जावरा जनपद मे अटैच व इंजीनियर को पिपलोदा स्थानांतरित कर दिया। वहीं 7 अगस्त को संरपच को धारा 40 के तहत पद से पृथक करने का आदेश दिया था। संरपच ने आदेश मीलने के बाद 13 अगस्त को कमीश्नर के यहां अपील की थी। जिस पर कमीश्नर ने संरपच को स्थगन आदेश प्रदान किया हैं। इस संबंध में संरपच ममता राकेश चौहान ने कहा कि हमने सड़क निर्माण कार्य का विरोध होने के बाद जिला पंचायत सीईओ सोमेश मीश्रा को कहा था कि हमने सड़क मार्ग की राशि का उपयोग ही नहीं किया हैं और अब हमे सड़क मार्ग निर्माण कार्य नहीं करना हैं। उसके बावजूद भी मुझे पद से हटाने का आदेश दिया तो मेने कमीश्नर की कोर्ट में अपील की, जहां से स्टे मिला हैं।
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