पहले जाने वो तीन दिन कब है नवरात्रि में सप्तमी, महाअष्टमी व महानवमी का विशेष महत्व होता है। सप्तमी तिथि 16 अक्टूबर को, महाअष्टमी तिथि 17 अक्टूबर को व महानवमी तिथि 18 अक्टूबर को रहेगी। बड़ी बात ये है कि इस बार सप्तमी तिथि को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र व मंगलवार, चंद्र का मित्र की राशि धनु में रहना बड़ा योग बना रहा है। इसी प्रकार 17 अक्टूबर को महाअष्टमी के दिन उत्तराषढ़ा नक्षत्र सुकर्मा योग, भगवान गणपति का बुधवार बन रहा है। महानवमी नर्व 18 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र में मनेगी। ये नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। घृति योग में आ रही महानवमी बाजार में तेजी लाएगी।
राशि अनुसार करें इन मंत्र को नवरात्रि में धन लाने के लिए महालक्ष्मी की आराधना, महात्रिपुर सुंदरी की आराधना आदि की जाती है। लेकिन इनको राशि अनुसार किया जाए तो अधिक फल मिलता है। इसके लिए मेष, वृश्चिक, धनु व मीन राशि वालों के लिए अलग मंत्र है तो मिथुन, कन्या व मकर के साथ कुंभ राशि वालों के लिए अलग मंत्र होता है। इसलिए नियम अनुसार मंत्र का जप किया जाए तो लाभ होता है। इसके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि आपकी राशि अनुसार क्या मंत्र है। अगर सही मंत्र का चयन कर लिया गया तो धन बरसने से कोई नहीं रोक सकता है।
ये है तीन अक्षर का मंत्र तीन रात तक नियम का पालन करके विशेष मंत्र को करना चाहिए। सबसे पहले लकड़ी के पाटले पर महालक्ष्मी की तस्वीर या मुर्ति की स्थापना कीजिए। इसके बाद दीपक, अगरबत्ती आदि जलाकर सीधे हाथ में जल लेकर संकल्प ले कि पूजा का फल आपको प्राप्त हो। इसके बाद गुग्गल, अबीर, गुलाल, कंकु, मेंहदी आदि से मां की पूजा कीजिए। इसके बाद तीन अक्षर का विशेष मंत्र का जप शुरू कीजिए। ये मंत्र है ऊं श्री नम:। इस मंत्र को १०८ बार करने के बाद अगले दिन सुबह पीपल के पेड़ के नीचे शक्कर, गेहूं, चावल, खोपरा या सुखा नारियल का भूरा दान करने से अधिक लाभ मिलता है।