इतना ही नहीं जिले में बड़ी कंपनियों (एलएमआई) के लिए 419 हेक्टेयर भूमि आरक्षित है। इसके साथ ही यहां पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए कृषि आधारित कच्चा मटेरियल की उपलब्ध है। इसके चलते उद्योगपति यहां बड़ा निवेश कर सकते हैं। एमएसएमई के लिए बंद पड़े उद्योगों की 127 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक क्षेत्र में है। एलएमआई के भूमि के लिए सरकार ने वर्ष 2012 सर्वे कराकर जिले में ४१९ हेक्टेयर भूमि उद्योगों के लिए आरक्षित की थी। बीते सात साल में भूमियों का उपयोग नहीं हो पाया है। इन भूमियों पर उद्योग लगाने पर पानी के लिए शासन स्तर पर अनुमति दी जाती है। यह भूमि यहां आरक्षित है, ऐसे में संभावना है कि कंपनियां फूड प्रॉसेसिंग युनिट और एनर्जी सेक्टर में भी बड़ा निवेश कर सकती हैं।
संभागीय उद्योग संघ के पूर्व सचिव अरिहंत पोरवाल ने बताया कि मेग्निफिसेंट एमपी 2019 समिट में सात अलग-अलग वर्ग में बांटा गया है। निवेशकों की पसंद के अनुसार क्षेत्र बताए जाएंगे। निवेशक भ्रमण कर सुविधाओं व कच्चे माल की उपलब्धता पर चर्चा कर जिलों का चयन करेंगे। ऐसे में जिले के लिए फार्मा, फू़़ड़ प्रोसेसिंग,पावर एनर्जी व टैक्सटाइल (रेडीमेड) की अपार संभावनाएं है। फूड प्रोसेसिंग में टमाटर, प्याज,लहसुन, मिर्ची, सोयाबीन, गेहूं, विभिन्न औषधियों व मसालों में उपयोग आने वाली उपज की खेती होती है। पावर एनर्जी में सोलर प्लांट आदि की संभावनाएं है। जिले के सैलाना तहसील के आदिवासी अचल में कपास का उत्पादन होता है। ऐसे में यहां पर बड़ी संख्या में जिनिंग फैक्टरियां भी है। इससे टैक्स टाइल्स क्षेत्र में काफी संभावनाएं है। सनद रहे कि पूर्व में कपड़े की सज्जन मिल थी। इसका कपड़ा विदेश तक प्रसिद्ध था।
एलएमआई के तहत 18 अक्टूबर को होने वाली मेग्निफिसेंट एमपी २०१९ समिट के लिए अभी बाहर के निवेशकों को बुलाया है।इसके लिए सात प्रकार के सेक्टर तय किए हैं। उन पर चर्चा की जाएगी। उसके बाद उनके पसंद के अनुसार क्षेत्र तय होंगे। वे वहां पर जाकर वस्तु स्थिति को देखेंगे। उसके बाद कच्चा मटेरियल व सुविधाओं को लेकर चर्चा कर उनका निराकरण किया जाएगा रतलाम क्षेत्र में बड़े उद्योग लगाने के लिए कच्चा माल, लेबर आदि सबकुछ उपलब्ध है। -एचआर मुजालदे, संयुक्त संचालक, एकेविएन, इंदौर।