black flag hindi news” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/08/25/shajapur_diggi_3406663-m.jpg”>बता दे कि मध्यप्रदेश के ये पूर्व मुख्यमंत्री रतलाम में कांगे्रस में एकता व समन्वय स्थापीत कराने आए थे। इस दौरान अंदर पूर्व मुख्समंत्री तो बाहर करणी सेना तैयार थी। जब सिंह बाहर निकले तो करणी सेना के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सिंह को पूर्व में ही इस बारे में बता दिया गया था। इसलिए जब नारेबाजी शुरू हुई तो सिंह स्वयं ही करणी सेना के पास बात करने चले गए।
चला सवाल जवाब का दौर करणी सेना के पास जाने के बाद सेना पदाधिकारियों व सिंह के बीच सवाल-जवाब का दौर चला। सेना के पदाधिकारियों का कहना था कि ङ्क्षसह स्वयं का व पार्टी का एससीएसटी एक्ट के मामले में नजरिया साफ करें। इस पर सिंह ने कह दिया कि वे भारत के संविधान का सम्मान करते है। इसी तरह उनकी पार्टी भी संविधान को मानती है। कुछ लोग देश को आपस में लड़ाने के लिए गलतफहमी को बढ़ा रहे है। इस पर सेना के पदाधिकारियों ने साफ कहने को कहा। करणी सेना के पदाधिकारियों का कहना था कि सिंह साफ बोले कि ये गलत हुआ है या समर्थन करें। जब सिंह ने फिर से संविधान की बात की व इस पूरे मामले को भाजपा की साजिश करार दिया तो करणी सेना के पदाधिकारी नाराज हो गए।
दिखा दिए काले झंडे तेजी हुए इस घटनाक्रम में कांगे्रस कार्यकर्ता व अन्य कोई कुछ समझ पाता इसके पूर्व ही करणी सेना के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की जेब में रखें झंडे बाहर आ गए व सिंह को दिखा दिए गए। इतना ही नहीं, करणी सेना ने इसके बाद जमकर नारेबाजी भी की। इस बीच पुलिस आ गई व सिंह को सुरक्षित वाहन तक ले गई।