बता दे कि दो माह पूर्व हुए विधानसभा के चुनाव में आठ में से चार सीट पर कांगे्रस तो चार पर भाजपा का दबदबा रहा है। झाबुआ व अलीराजपुर में तो भाजपा के खाते में सिर्फ एक ही सीट आई है। एेसे में जयस ये योजना बना रही है कि वो दोनों दल पर दबाव बनाए जिससे उनको लोकसभा चुनाव में गठबंधन किसी दल से हो सके। असल में विधानसभा चुनाव में कांगे्रस को कुल ५३५७८६ तो भाजपा को ५०८७९५ वोट मिले। इसमे कांगे्रस २६९९१ वोट से संसदीय सीट पर आगे रही। सैलाना की बात करें तो यहां पर जयस के कमलेश डोडियार ने १८२६० वोट प्राप्त तो किए, लेकिन वे कांगे्रस की राह में रोड़ा नहंी बन सके। इसके उलट झाबुआ में जेवियर मेड़ा के व जोबट में विशाल रावत व थांदला मंे भाजपा के बागी दिलीप कटारा के खडे़ होने से नुकसान तो दलों को हुआ, लेकिन जयस को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं हुआ।
भाजपा नेताओं से चर्चा
बता दे कि जयस के एक बडे़ नेता ने पिछले दिनों इंदौर जाकर भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में धार, खरगोन, रतलाम झाबुआ जैसी सीट पर आदिवासी बाहुल मतदाता होने का दावा करते हुए जयस से गठबंधन की बात की थी। इन तीन सीट में से एक सीट जयस के लिए मांगी है, बदले में दो सीट पर जयस भाजपा को समर्थन करेगा। फिलहाल भाजपा ने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। इन सब के बीच १९ फरवरी को होने वाली बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी के रुप में किसको खड़ा करना, गठबंधन करना आदि मामलों पर बात होगी।
चर्चा के लिए दरवाजे खुले
सिर्फ भाजपा ही क्यों, हमारे दरवाजे सभी दल के साथ चर्चा के लिए खुले हुए है। १९ फरवरी की बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव के संबंध में अनेक निर्णय लिए जाएंगे।
– डॉ. अभय ओहरी, संरक्षक, जयस