हाल का मामला मंदसौर का है, इसमें कई लोग मंदसौर जिलाध्यक्ष प्रकाश रातडिय़ा के इस्तीफे की मांग भी मुखर होकर कर रहे है। शामगढ़ में कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष ने भी हार के बाद इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस विधानसभा चुनाव की अपेक्षा लोकसभा में पांच गुना से अधिक मतों से हार मिली है। हार के लिए सीधे संगठन पर सवाल खड़े किए जाने का सिलसिला जिले में चल पड़ा है।
नवंबर-2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जिले की चार सीटों में कांग्रेस को सिर्फ सुवासरा सीट पर वह भी सिर्फ 350 वोटों से जीत मिली थी। तो मल्हारगढ़ करीब 12 हजार गरोठ 2500 और मंदसौर सीट पर 18 हजार से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में जिले की चारों सीटों पर विधानसभा की तुलना में पांच गुना अधिक मतों से एक तरफा हार मिली है। गरेाठ में 53107, सुवासरा में 54133, मल्हारगढ़ 40816 और मंदसौर में 46167 वोटों से कांग्रेस को शिकस्त मिली है।
कांग्रेस की जिले में बुरी हार के बाद जिला व ब्लॉक स्तर तक संगठन में बदलाव की चर्चाओं का दौर शुरु हो चुका है। कोई नेताओं द्वारा कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं दिए जाने तो कोई कार्यकर्ताओं को साथ लेकर नहीं चलते तो उनकी सुनवाई नहीं करने का यह परिणाम बता रहा है। हार की जिम्मेदारी का ठिकारा चौराहों से लेकर चौपाल और सोशल मीडिया पर खुले रुप से वर्तमान संगठन के सिर फोड़ा जा रहा है।
इधर नीमच में भी शुरू हुई सिर-फुटौव्वल
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद नीमच जिले में भी कांग्रेसियों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। गांधी भवन में कांग्रेसी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि मनाने के लिए एकत्रित हुए कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं की करारी हार के बाद संख्या वैसे ही कम थी और हार का असर कांग्रेसियों पर कुछ ज्यादा ही नजर आया। कार्यक्रम के दौरान ब्लॉक अध्यक्ष बृजेश सक्सेना पर जिला महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। ब्लॉक अध्यक्ष से इस्तीफ ा भी मांगा और हार का जिम्मेदार भी ठहराय। बस फि र क्या था हो गई तू.तू मैं-मैं देखते ही देखते माहौल गरमा गय। ब्लॉक और जिला पदाधिकारियों ने ब्लाक अध्यक्ष पर जमकर गुस्सा निकाला।
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद नीमच जिले में भी कांग्रेसियों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। गांधी भवन में कांग्रेसी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि मनाने के लिए एकत्रित हुए कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं की करारी हार के बाद संख्या वैसे ही कम थी और हार का असर कांग्रेसियों पर कुछ ज्यादा ही नजर आया। कार्यक्रम के दौरान ब्लॉक अध्यक्ष बृजेश सक्सेना पर जिला महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। ब्लॉक अध्यक्ष से इस्तीफ ा भी मांगा और हार का जिम्मेदार भी ठहराय। बस फि र क्या था हो गई तू.तू मैं-मैं देखते ही देखते माहौल गरमा गय। ब्लॉक और जिला पदाधिकारियों ने ब्लाक अध्यक्ष पर जमकर गुस्सा निकाला।
सोमवार को पुण्यतिथि कार्यक्रम में जिला महामंत्री ओमप्रकाश शर्मा ने बोला कि यहां झूठे बर्तन माझे जाते हैं जो ठीक नहीं है। गांधी भवन कांग्रेस की शान है और यहां ऐसे काम को अंजाम दिया जाता है तो विपरीत प्रभाव पडऩा स्वाभाविक है। अपनी भड़ास निकालते हुए बोला कि ब्लॉक अध्यक्ष को रोजाना गांधी भवन में आने वाले लोगों के नाम तक पता नहीं है, जो कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नहीं जानता हो उसे पद पर बना रहने का कोई अधिकार नहीं है, ऐसी स्थिति में तत्काल अपना इस्तीफा दे देना चाहिए। गांधी भवन में मौजूद लोगों का कहना था कि ब्लॉक अध्यक्ष भी उन लोगों पर आग बबूला हो गए। कहने लगे कि मैं तो ऊपर से बनकर आया हूं, मुझसे इस्तीफ मांगने वाले आप कौन होते हो। उनका कहना था कि मेरे कार्यकाल में यहां काफ ी विकास हुआ है। अगर मुझे इस्तीफा ही देना होगा तो पार्टी हाईकमान को दूंगा। वही गांधी भवन के बाहर लगने वाली दुकानों को लेकर भी तीखी नोकझोंक हुई।