ज्योतिषी रावल ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार शनिवार को कुछ विशेष प्रकार के उपाय किए जाए तो शनिदेव काफी प्रसन्न होते है। इससे भक्तों को लाभ तो होता है साथ दुश्मन भी कमजोर होता है। आमतोर पर ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता कहा गया है। शनि न किसी के मित्र होते है न किसी के दुश्मन। वे कर्म के अनुसार फल देते है। इसलिए अच्छे या बुरे कर्म को करने से पहले ये जरूर विचार करें कि इससे कितनों का भला होना है। इसलिए शनिवार के दिन किए जाने वाले विशेष फल के बारे में बताया गया है।
सबसे पहले करें ये नाम का उच्चारण कोणस्थ पिंगलो बभरू कृष्णो रौद्रोन्तको यम:
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।। अर्थात- कोणस्थ, पिंगल, बभरु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद व पिप्पलाद। इन दस नामों से शनिदेव का स्मरण करने से सभी दोष दूर हो जाते हैं।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।। अर्थात- कोणस्थ, पिंगल, बभरु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद व पिप्पलाद। इन दस नामों से शनिदेव का स्मरण करने से सभी दोष दूर हो जाते हैं।
पूजा विधि-विधान से करें शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा विधि-विधान से करें। श्रीमद् भागवत के अनुसार पीपल, भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप है। शनि दोषों से मुक्ति के लिए पीपल की पूजा करने से लाभ होता है। इस पूजन में नहाने के बाद साफ व सफेद कपडे़ पहनें। पीपल की जड़ में केसर चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें। तिल के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का जाप करें।
मंत्र- आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:
विश्वाय विश्वेश्वाराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम: ये उपाय से होगा बड़ा लाभ मंत्र जाप के साथ पीपल की परिक्रमा करें। धूप, दीपक जलाकर आरती करें। पीपल को चढ़ाया हुआ थोड़ा-सा जल घर में लाकर भी छिड़कें। ऐसा करने से घर का वातावरण पवित्र होता है।
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:
विश्वाय विश्वेश्वाराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम: ये उपाय से होगा बड़ा लाभ मंत्र जाप के साथ पीपल की परिक्रमा करें। धूप, दीपक जलाकर आरती करें। पीपल को चढ़ाया हुआ थोड़ा-सा जल घर में लाकर भी छिड़कें। ऐसा करने से घर का वातावरण पवित्र होता है।
शनिदेव के प्रकोप में कमी होती शनिवार के एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सवा-सवा किलो काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो दें। अगले दिन नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर शनिदेव का पूजन करें और चनों को सरसो के तेल में छौंक कर इनका भोग शनिदेव को लगाएं और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद पहला सवा किलो चना भैंसे को खिला दें। दूसरा सवा किलो चना कुष्ट रोगियों में बांट दें और तीसरा सवा किलो चना मछलियों की खिला दें। इस उपाय से शनिदेव के प्रकोप में कमी होती है।
मंत्र का जाप भी करें शनिवार को श्रद्धापूर्वक शनि यंत्र की प्रतिष्ठा करके प्रतिदिन इस यंत्र के सामने सरसो के तेल का दीपक जलाएं। नीला या काला फूल चढ़ाएं, ऐसा करने से लाभ होगा। साथ ही इस यंत्र के सामने बैठकर प्रतिदिन शनि स्त्रोत या ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप भी करें।
ये होंगे इसको करने से लाभ कर्ज, मुकदमा, हानि, पैर आदि की हड्डी तथा सभी प्रकार के रोग से परेशान लोगों के लिए शनि यंत्र की पूजा बहुत फायदेमंद होती है। नौकरी पेशा लोगों को प्रगती भी शनि द्वारा ही मिलती है, अत: यह मंत्र बहुत उपयोगी है। इसके अलावा इससे दुश्मन कमजोर होता है।
ये मंत्र लाता है दुश्मन को चरणों में शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं। सामने शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें व पंचोपचार से विधिवत पूजन करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से नीचे लिखे किसी एक मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा शनिदेव से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें। यदि प्रत्येक शनिवार को इस मंत्र का इसी विधि से जप करेंगे तो शीघ्र लाभ होगा।
वैदिक मंत्र
ऊं शं नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शं योरभिस्त्रवन्तु न:।। लघु मंत्र
ऊं ऐं ह्रीं श्रीशनैश्चराय नम:।।
ऊं शं नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शं योरभिस्त्रवन्तु न:।। लघु मंत्र
ऊं ऐं ह्रीं श्रीशनैश्चराय नम:।।