ज्योतिषी जोशी ने बताया कि भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष को आने वाली चौथ को संकष्टी गणेश चतुर्थी कहा जाता है। यदि भगवान गणेश की ये चतुर्थी का यह व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है, तो इसे अंगारक गणेश चतुर्थी कहते हैं। पुराण में ये मान्यता है कि गणेश जी ने अंगारक(मंगल देव) की कठिन तपस्या से खुश होकर उन्हें ये वरदान दिया था कि चतुर्थी तिथि अगर मंगलवार को पड़े तो उसे अंगारकी चतुर्थी के नाम से जाना जायेगा। इस एक खास दिन पर व्रत करने से पूरे साल भर के चतुर्थी व्रत का फल मिलता है। इस दिन विशेष उपाय करके भगवान गणेश जी को प्रसन्न किया जा सकता है। ये विशेष उपाय करने से गजानंद जीवन से जुड़ी हर समस्या का समाधान करते है। इसके अलावा जीवन में आने वाली नित्य समस्याओं को हल करते है।
ये उपाय करने से होता है बड़ा लाभ
– हर राशि वाले इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
– भक्त पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें।
-पूजन के समय पांच दुर्वा गणेश जी को अर्पित करें।
-पूजन के वक्त गणेश जी को लाल सिंदूर से तिलक करें।
-पूजन में भौग में तिल से बनी चीजों से गणेश जी को भोग लगाएं।
– पूजन के दौरान गणेश जी को लाल वस्त्र भेंट करें।
– बेहतर हो पूजन में पांच बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
-पूजन के दौरान भगवान को पान सुपारी अर्पित करें।
– इस चतुर्थी का व्रत रखने वाले लोग सायंकाल में संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े या सुनें और दूसरो को भी सुनाएं।
– हर राशि वाले इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
– भक्त पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें।
-पूजन के समय पांच दुर्वा गणेश जी को अर्पित करें।
-पूजन के वक्त गणेश जी को लाल सिंदूर से तिलक करें।
-पूजन में भौग में तिल से बनी चीजों से गणेश जी को भोग लगाएं।
– पूजन के दौरान गणेश जी को लाल वस्त्र भेंट करें।
– बेहतर हो पूजन में पांच बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
-पूजन के दौरान भगवान को पान सुपारी अर्पित करें।
– इस चतुर्थी का व्रत रखने वाले लोग सायंकाल में संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े या सुनें और दूसरो को भी सुनाएं।