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नवजात को नाले में फैंकने वाले तीन आरोपियों को दस-दस साल की सजा

locationरतलामPublished: Oct 18, 2019 10:13:16 pm

Submitted by:

kamal jadhav

नवजात को नाले में फैंकने वाले तीन आरोपियों को दस-दस साल की सजा

नवजात को नाले में फैंकने वाले तीन आरोपियों को दस-दस साल की सजा

नवजात को नाले में फैंकने वाले तीन आरोपियों को दस-दस साल की सजा

रतलाम। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश विवेककुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने अवैध संबंधों के बाद पैदा हुए नवजात को नाले में फैंकने के मामले में तीन आरोपियों को दस-दस साल की सजा सुनाई है। प्रेमी और पे्रेमिका के साथ ही एक अन्य महिला को भी सहयोग करने पर दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है। इस महिला ने नवजात को कपड़े में लपेटकर नाले में फैंकने में सहयोग किया था। तीनों आरोपियों पर एक-एक हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। खास बात यह रही कि प्रेमी-प्रेमिका की संतान है या नहीं इसका फैसला डीएनए टेस्ट से हुआ और इसमें साबित हो गया था कि नवजात शिशु इनकी ही संतान है। इस पर न्यायालय ने इन्हें इतनी बड़ी सजा सुनाई।

बाद में दोनों ने कर ली थी शादी
सहायक मीडिया सेल प्रभारी कृष्णकांत चौहान ने बताया घटना 16 जनवरी 2017 की है। सूचनाकर्ता बल्लू पिता धन्ना नायक उम्र १९ साल निवासी मोतीनगर ने सूचना दी थी कि मोतीनगर नाले के पास एक नवजात बच्ची का शव पड़ा हुआ है। सूचना पर मोतीनगर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा बनाकर जब्त किया था। पुलिस ने मर्ग कायम करके जांच शुरू की तो साक्षी बल्लू और संतोष के कथन से पता चला कि मोहल्ले की बेबी उर्फ मिनल और सोनू उर्फ चेतन भाटिया के बीच अवैध संबंध होने से बेबी प्रेगनेंट होने व डिलीवरी के बाद नवजात बालिका को कचरे के ढेर मे फेंक दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई थी कि श्वास रुकने से बच्ची की मौत हुई है। इस पर पुलिस ने बेबी और चेतन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना में लिया। घटना के बाद दोनों ने शादी कर ली थी और पति-पत्नी की तरह ही रह रहे थे।

नौ माह की बच्ची भी जेल गई
अवैध संबंधों के दौरान हुई नवजात शिशु को नाले में फैंकने वाले प्रेमी-प्रेमिका ने बाद में शादी कर ली थी और पति-पत्नी की तरह ही इस समय रह रहे हैं। विवाह के बाद इन्हें लड़की के रूप में एक और संतान हुई है। सजा सुनाई जाने के वक्त उसकी आयु नौ माह बताई गई है। दोनों पति-पत्नी को सजा सुनाई गई तो यह बच्ची भी उनके साथ जेल में ही रहेगी।
डीएनए से हुई थी पुष्टि
पुसिस ने नवजात शिशु का रक्त व चमड़ी और उसे जिन कपड़ों में लपेटकर फेंका गया था उनके नमूने और मां और उसके प्रेमी के नमूने लेकर डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया था। इनकी जांच में साफ हो गया था कि यह नवजात शिशु इन दोनों की ही जैविक संतान हैं। न्यायालय ने इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए दोनों आरोपियों को कड़ी सजा सुनाई है।
सहयोगी महिला को भी सजा
प्रेमी-प्रेमिका की अवैध संतान होने और उसे नाले में फैंकने में मदद करने वाली एक महिला मोना उर्फ अफसाना ने पूरा सहयोग किया। अफसाना ने ही नवजात शिशु को कपड़े में लपेटकर नाले के पास फैंका। मोना ने पूछताछ में यह बात स्वीकार कर ली थी जिसके बाद उसे भी इस मामले में बराबर की आरोपी बनाकर उसे भी सहआरोपी बनाया गया था।
इन धाराओं में ये सजाएं दी
– तीनों आरोपियों को धारा 304/34 में 10-10 साल का सश्रम कारावास और एक-एक हजार रुपए अर्थदंड
– तीनों आरोपियों को धारा 120-बी में सात-सात साल का सश्रम कारावास और एक-एक हजार रुपए अर्थदंड
– तीनों आरोपियों को धारा 317/34 में सात-सात साल का सश्रम कारावास और एक-एक हजार रुपए अर्थदंड
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