धाकड़ से मिलने के सांसद कांतिलाल भूरिया, राघौगढ़ विधायक जर्वधनसिंह को प्रोटोकाल के तहत जेल में आने दिया गया, जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव, विक्रांत भूरिया, जिलाध्यक्ष प्रभु राठौर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनोद मिश्रा को विशेष अनुमति के तहत जेल में प्रवेश दिया गया। दोपहर करीब १.२० बजे सभी नेता जेल में गए और धाकड़ से चर्चा के बाद करीब १.३८ बजे वापस बाहर आ गए।
जेल पर लगी भीड़ सांसद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक के जेल पहुंचने की सूचना पर जिलभर के कांग्रेसी नेता जेल पहुंचे। इनके साथ झाबुआ जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया, प्रदेश कांग्रेस महासचिव दिलीप गुर्जर सहित अन्य जनप्रतिनिधि जेल पर मौजूद रहे, जिन्हें जेल प्रशासन ने भीतर नहीं जाने दिया गया।
बाहर लगा जाम जेल पर नेताओं के पीछे समर्थकों के पहुंचने से जेल के बाहर भीड़ लग गई। साथ सड़क किनारे वाहनों के खड़े होने से यहां कुछ ही देर में जाम लग गया। जाम को देख पुलिस ने मोर्चा संभाला और उसे खुलवाने में जुट गई। करीब आधे घंटे की मशक्कत व नेताओं के यहां से जाने के बाद हालात सामान्य हो सके।
न्यायपालिका पर है भरोसा – सरकार ने दोनों को टारगेट बनाकर उन्हें अंदर किया है। कांग्रेस उनके साथ है, हम जेल में उनसे मिले, जहां उसने अपनी आप बीती बताई, जबरन उसे फंसाया और परिवार को प्रताडि़त किया गया है। किसान अपनी बात लेकर किसी तरह से मैदान में आते है, तो यह प्रजातंत्र में होता है धरना-प्रदर्शन, आंदोलन, पर उसे गलत तरीके से या केस बनाकर जेल में बंद कर रखा है। न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, जल्द ही वह जमानत पर बाहर आएंगे।
कांतिलाल भूरिया, सांसद, रतलाम-झाबुआ लोकसभा लोकतंत्र की हत्या का प्रयास – धाकड़ व भगवती दोनों किसानों की मदद के लिए आंदोलन में शामिल थे। लड़ाई किसानों की है, उनके संघर्ष में हम उनके साथ में है। देश व प्रदेश में जो सरकार है, वे सरकार लगातार लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास कर रही है। लोकतंत्र समाप्ति की और है इस देश में, यह गंभीर मसला बीते तीन सालों से देश में चल रहा है। हम उसने बचाने के लिए लगातार सड़क पर व सदन में प्रयास कर रहे है।
अरूण यादव, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस