असल में जब से रतलाम में मेडिकल कॉलेज बना है, तब से भाजपा व कांगे्रस दोनों इसको लेकर बयानबाजी कर रहे है कि ये उनकी देन है। इस मामले में सांसद कांतिलाल भूरिया का कहना है कि जब यूपीए सरकार थी, तब देश में छह मेडिकल कॉलेज मंजूर किए गए थे। उनमे से एक रतलाम भी था। ये मंजूरी तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलामनबी आजाद ने दी थी। भाजपा तो सिर्फ श्रेय लेने की राजनीति कर रही है। जबकि भाजपा का कहना है कि वर्ष 2008-09 के बजट में राज्य सरकार ने इसके लिए राशि की घोषणा की थी। इसके अलावा इसको बनाने के लिए मंजूरी दी थी। इन सब के बीच बड़ा मामला तब हुआ जब सरकारी उद्घाटन के पहले ही सांसद भूरिया ने इसकी शुरुआत कर दी।
मुहूर्त देखकर की शुरुआत सांसद भूरिया 11 सिंतबर को मेडिकल कॉलेज पंडितों को लेकर पहुंचे। वैदीक मंत्रों के बीच उन्होंने नारियल फोड़ा व फीता काटकर इसकी शुरुआत कर दी। मजेदार बात ये कि जब सांसद ने ये सब किया तब प्रशासन को इस बारे में पता ही नहीं चल पाया। बाद में जब जानकारी मिली तो सांसद सहित उनके साथ गए नेताओं पर धारा 188 में कार्रवाई कर दी। इस मामले में भूरिया ने मीडिया से कहा कि उन्होने तो शुरुआत कर दी। अब जिसको जब शुरुआत करना हो करें। उनको इससे फर्क नहीं पड़ता। सांसद ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ राजनीति कर रहे है, इसको मैं संसद में विशेष अधिकार हनन का मामला उठाऊंगा।
खबर तक नहीं करता सांसद ने कहा कि उनको किसी आयोजन की प्रशासन खबर नहीं करता। मैं सांसद हूं, मुख्यमंत्री को इस मामले में सूचना देना चाहिए। उनको कुछ राजनीति करना है तो उनके क्षेत्र में जाकर करें। यहां सांसद मैं ही हूं। यहां सेवा होगी, राजनीति नहीं। इधर दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि भूरिया को आयोजन में बुलाया गया था। असल में उनको नीमच में प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ के आयोजन में जाना था, इसलिए उन्होंने नहीं आने का बहाना तलाश।