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bjp mahakumbh 2018 भाजपा के महाकुंभ के जवाब में ब्राहमणों का महाकुंभ

locationरतलामPublished: Sep 09, 2018 06:34:14 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

bjp mahakumbh 2018 भाजपा के महाकुंभ के जवाब में ब्राहमणों का महाकुंभ

bjp mahakumbh 2018 latest hindi news

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रतलाम। भाजपा भोपाल में 25 सितंबर को कार्यकर्ताओं का महाकुंभ करने जा रही है। इसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे है। इसके जवाब में एससीएसटी एक्ट लागू होने के बाद भाजपा व कांगे्रस से नाराज चल रहे ब्राहमणें ने उज्जैन में 21 सितंबर को महाकुंभ का आयोजन सुबह 11 बजे दहशरा मैदान में रखा है। इसकी तैयारियों को लेकर बैठक में अनेक निर्णय लिए गए है। इस महाकुंभ में आठ बिंदुओं पर चर्चा होगी।
SCST ACT लागू होने के बाद मध्यप्रदेश में अलग-अलग स्थान पर जनप्रतिनिधियों का घेराव से लेकर प्रदर्शन आदि का दौर जारी है। रविवार को भी करणी सेना ने कांगे्रस सांसद कांतिलाल भूरिया को काले झंडे दिखाए है। इन सब के बीच अब ब्राहमण महाकुंभ की तैयारी कर रहे है।
दोनों दल के नेता शामिल हुए

बता दे कि शनिवार देर शाम को जवाहर नगर में एक आश्रम में कांगे्रस व भाजपा से जुडे़ प्रमुख ब्राहमण नेताओं की बैठक हुई। इसमे सेवानिवृत राज्य प्रशासनीक संघ के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में उज्जैन में होने वाले आयोजन की रुपरेखा पर विस्तार से बात हुई। इसमे तय किया गया कि इसका प्रचार-प्रसार करके जिले के ब्राहमणों को उज्जैन चलने के लिए प्रेरित किया जाए। सम्मेलन में ब्राहमण समाज से जुडे़ फिल्मी कलाकार, गायक से लेेकर दोनों दलों के सांसद व विधायकों को भी एसीएसटी एक्ट के विरोध करने के लिए बुलाया गया है। इसमे बताया जाता है कि दो सांसदों ने आने की स्वीकृति दे दी है। हालांकि संघ फिलहाल उनके नाम का खुलासा नहीं कर रहा है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा

– जातिगत आरक्षण के बजाए आर्थिक आरक्षण लागू हो।

– सरकारी नौकरी में पदोन्नती में आरक्षण समाप्त हो।

– एक्ट्रोसिटी एक्ट में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन हो।
– व्यावसाययीक परीक्षाओं में ब्राहमण विद्यार्थियों को अन्य वर्ग की तरह यात्रा शुल्क लिया जाए।

– अन्य राज्यों की तरह ब्राहमण कल्याण बोर्ड का गठन हो।

– कृषि को व्यवसाय का दर्जा दिया जाए।
– मंदिरों का सरकारीकरण बंद हो पर परंपरागत पुजारियों की नियुक्ति हो।

– मंदिरों व मठ की भूमि की नीलामी बंद हो।

अब न जागे तो कभी नहीं

एससीएसटी एक्ट लागू हो गया है। ये स्वर्ण समाज व ब्राहमणों के खिलाफ है। अब भी इससे प्रभावित होने वाला समाज नहीं जागा तो फिर कभी नहीं जाग पाएगा। हमारी आने वाली पीढ़ी हमकों कभी भी माफ नहीं करेगी। उज्जैन में एक लाख ब्राहमणों का आयोजन इसलिए ही २१ सितंबर को रखा गया है।
चंद्रशेखर शर्मा, आयोजन समिति सदस्य

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