भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को 150 कर्मचारियों की जरुरत है, लेकिन काम सिर्फ 40 कर्मचारी कर रहे है। इस समय जिले में कर्मचारियों की कमी से भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड जुझ रहा है।
रतलाम। भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को 150 कर्मचारियों की जरुरत है, लेकिन काम सिर्फ 40 कर्मचारी कर रहे है। इस समय जिले में कर्मचारियों की कमी से भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड जुझ रहा है। यहां से एच्छिक सेवानिवृति योजना में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के जाने के बाद यह हालात बने है।
IMAGE CREDIT: photo भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड में नवंबर माह में सरकार ने 50 वर्ष से उपर की आयु वाले कर्मचारियों के लिए एव्छिक सेवानिवृति योजना की शुरुआत की थी। इसके लिए 3 दिसंबर 2019 तक आवेदन करने का समय ऑनलाइन दिया था। रतलाम सर्किल में 110 कर्मचारियों ने योजना अंतर्गत लाभ लिया। अब स्थिति यह है कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों के चले जाने से भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड कार्यालय में सन्नाटा हो गया है।
यहां सबसे अधिक असर भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड केताल, जावरा, सैलाना, बाजना, आलोट के अलावा रतलाम में सबसे अधिक असर हो रहा है। यहां पर महत्वपूर्ण पद पर काम करने वाले कर्मचारियों की कमी हो गई है। स्थिति यह है कि इंटरनेट से लेकर लैंडलाइन फोन की कैबल कटने पर सुधार कार्य भी इससे ग्रामीण अंचल में प्रभावित हो रहा है। पिछले दिनों जब अग्रणी बैंक प्रबंधक राकेश गर्ग ने सरकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक की थी तो इसमे भी यह मामला आया था कि इंटरनेट की कनेक्टिवीटी सेवा कमजोर होने से ग्रामीण अंचल में सरकारी योजनाओं का लाभ देने में समस्या आ रही है।
अब ठेके पर देने का निर्णय कुछ दिन पूर्व ही ग्रामीण क्षेत्र में रखरखाव कार्य को ठेके पर देने की निविदा जारी हुई थी। अब सूचना है कि इसको शहरी क्षेत्र में भी लागू किया जाने वाला है। इसके लिए निविदा जारी करने की तैयारी हो गई है। विभाग से जुडे़ पूर्व अधिकारियों के अनुसार पहले तय किया गया था कि भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड में कर्मचारियों को तबादले करके लाया जाएगा, लेकिन जब एच्छिक सेवानिवृति योजना में अधिक संख्या में कर्मचारियों ने लाभ ले लिया तो अब महत्वपूर्ण कार्य को ठेके पर देने का निर्णय ले लिया गया है।
तबादले नहीं, ठेके पर निजीकरण का शुरू से विरोध रहा है, लेकिन भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड में महत्वपूर्ण कार्य को ठेके पर देने का निर्णय हुआ है। – एमके श्रीवास्तव, पूर्व जिला अधिकारी, भारतीय दूरसंचार निगम लिमिटेड