कई संगठन खड़े हो गए थे फैसले के विरोध में
गौरतलब है कि ऋचा भारती ( Richa Bharti ) को लेकर कई संगठनों ने मोर्चा खोल दिया था। कई संगठन ऋचा के समर्थन में कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े कर रहे थे। यहां तक की रांची के बार एसोसिएशन ( Bar Association Ranchi ) ने भी इसके खिलाफ जज मनीष सिंह की अदालत का बहिष्कार किया । इधर कुछ संगठनों ने सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने के नाम पर गीता बांटने की भी योजना बनाई है । इस मसले को लेकर पूरे देश पर बहस शुरू हो गई थी। टीवी चैनलों की प्राइम टाइम डिबेट ( Prime Time Debate ) का भी हिस्सा यही मुद्दा बन गया था।
वकीलों ने किया था फैसले का विरोध
सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट डालने के आरोप में जेल भेजी गई स्नातक की छात्रा ऋचा भारती को अदालत ने धार्मिक ग्रंथ कुरान की पांच प्रतियां बांटने की शर्त पर जमानत दिया है, लेकिन रांची बार एसोसिएशन ( Ranchi Bar Association ) के वकीलों ने इस तरह के सशर्त जमानत का विरोध किया। वकीलों ने बुधवार को अदालत परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत का बहिष्कार किया। रांची जिला बार एसोसिएशन के सचिव कुंदन प्रकाशन ने पांच कुरान बांटने को असंवैधानिक शर्त बताते हुए इसकी निंदा की।
न्यायायुक्त से मिला वकीलों का शिष्टमंडल
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों के एक शिष्टमंडल ने इस संबंध में न्यायायुक्त से मिलकर घटना पर खेद प्रकट किया । उन्होंने बताया कि न्यायायुक्त ने दो दिनों के अंदर यथोचित निर्णय लेने का आश्वासन प्रतिनिधिमंडल को दिया है, इसलिए 17 और 18 जुलाई को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कमार सिंह की अदालत में कोई अधिवक्ता न्यायिक कार्य नहीं करेंगे और न्यायायुक्त के संभावित सकारात्मक कदम के बाद ही अदालत में कार्य करने पर विचार किया जाएगा।
यह था मामला
ऋचा के खिलाफ सोशल मीडिया पर ( Richa Bharti Post ) धार्मिंक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट डालने के मामले में सदर अंजुमन कमेटी द्वारा पिठौरिया थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी और पुलिस ने 12जुलाई को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद सोमवार को ऋचा की ओर से दायर जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने उसे सशर्त जमानत दे दी। अदालत ने ऋचा को 15 दिनों के भीतर धार्मिक ग्रंथ कुरान की पांच प्रतियां खरीदकर बांटने का निर्देश दिया है। वह एक प्रति पिठौरिया के सदर अंजुमन कमेटी को और चार प्रतियां सरकारी विश्वविद्यालय या कॉलेज में दान देगी, लेकिन मंगलवार की शाम को पहली प्रति बांटने की अवधि समाप्त हो गई और ऋचा की ओर से कुरान बांटने से इंकार कर दिया गया। ऋचा का कहना है कि वह कोर्ट के आदेश का सम्मान करती है, लेकिन यह उनके मौलिक अधिकार का हनन है। उनकी ओर से कहा गया है कि कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद वह इसके खिलाफ उच्च न्यायालय ( High Court ) जाएंगी। इधर, ऋचा भारती के घर विश्व सनातन संघ के लोग 5 गीता लेकर पहुंचे। संघ के सदस्यों ने कहा कि पांच कुरान बांटने से अच्छा है, 5 गीता बांटे।