दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्रों में बिजली की समुचित व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की ओर से विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत गांव में अवस्थित सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों में बिजली उपलब्ध कराने का प्रावधान है और इस योजना के तहत सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों में बिजली कनेक्शन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
दूसरी तरफ 3957 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में से 2300 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में पानी की भी आपूर्ति की अपनी स्थायी व्यवस्था नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि राज्य के 35 प्रतिशत स्वास्थ्य केंद्रों में चापाकल तथा कुआं के माध्यम से पानी की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, बाकि केंद्रों पर स्थानीय स्तर से और शेष स्थानों पर पानी की स्थाई व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए कार्य प्रगति पर है।
इधर,राज्य के विभिन्न अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा दंत चिकित्सकों के भी सैकड़ों पद रिक्त है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया है कि झारखंड स्वास्थ्य सेवा के अंतर्गत 1633 चिकित्सक, विशेषज्ञ चिकित्सक संवर्ग अंतर्गत 93 तथा दंत चिकित्सक संवर्ग अंतर्गत 128 दंत चिकित्सक कार्यरत है और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
वहीं झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2016, 2017 और 2018 में विशेषज्ञ चिकित्सक के पद पर नियुक्ति के लिए प्राप्त अनुशंसा के आलोक में क्रमशः 147, 98 और 72 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति विभाग द्वारा की गई। इसके अलावा जेपीएससी द्वारा वर्ष 2018 में दंत चिकित्सक मूल कोटि के पद पर नियुक्ति के लिए प्राप्त अनुशंसा के आलोक में 103 दंत चिकित्सकों की नियुक्ति की जा चुकी है, साथ ही रिक्त पदों पर नियमानुसार नियुक्ति करने की कार्रवाई जल्द की जाएगी।