जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र के लोकनिया गांव का रहने वाला मधुसूदन दास पबिया बाजार से घर लौटने से समय एक दुकान में नाश्ता करने के लिए रुका था। ठीक उसी समय एक गाड़ी में कुछ लोग आए और अपने को सीबीआई अधिकारी बता अपने साथ बैठा कर ले गए। सूचना मिलने पर जामताड़ा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपहृत मधुसूदन दास को छुड़ाया। अपराधियों ने अपहृत के परिजनों को फोन कर 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। परिजनों की सूचना पर ही पुलिस ने त्वरित कदम उठाया।
घटना के संबध में एसपी अंशुमन कुमार ने बताया कि कालाझरिया निवासी दीपक पंडित साइबर क्राइम के आरोप में दिल्ली जेल में बंद रहने के समय दिल्ली के अपराधकर्मी विश्वजीत सिंह उर्फ प्रभात (मुजफ्फरपुर)के साथ अपहरण की घटना को अंजाम देने का षड्यंत्र रचा। जेल से छुटने के बाद अन्य अपराधिक सदस्यों की मदद से जामताड़ा में व्यक्तियों का अपहरण कर फिरौती वसूलने की योजना बनाई। आरोपियों में दीपक और मो. इस्लाम अंसारी उर्फ पिंकू के अलावे अन्य पांचो अपराधी दिल्ली के रहने वाले है। जिनका स्थायी पता किसी का दरभंगा, तो किसी का-रोहतास, नालंदा और उत्तरप्रदेश है। अपराधियों ने गुनाह कबूल कर कहा कि अपहृत व्यक्ति लोकनिया जामताड़ा निवासी मधुसूदन दास ने भी साइबर अपराध के माध्यम से अकुत धन जमा किया है। उसने साइबर अपराध के माध्यम से करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित की है । पुलिस ने आरोपियों के इंडिका कार सहित अन्य सामान बरामद किया है।