scriptझारखंड के शहरी क्षेत्रों में अब दो वर्ष में होगा जमीन का मूल्य निर्धारण | In urban areas of Jharkhand land price will be decide in every 2 years | Patrika News

झारखंड के शहरी क्षेत्रों में अब दो वर्ष में होगा जमीन का मूल्य निर्धारण

locationरांचीPublished: Sep 25, 2018 08:38:39 pm

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Prateek

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई…

jharkhand project bhawan

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(रांची): झारखंड के शहरी क्षेत्रों में प्रतिवर्ष की जगह दो वर्ष में भूमि का न्यूनतम मूल्य निर्धारित होगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई।


बैठक समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडलीय सचिवालय एवं समन्वय विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि बिहार स्टांप (लिखत का न्यून मूल्यांकन निवारण) (अंगीकृत) नियमावली,1995, झारखंड मुद्रांक लिखत का न्यून मूल्यांकन नियमावली, 2009 एवं 2012 में संशोधन कर अब ग्रामीण क्षेत्रों की तरह शहरी क्षेत्रों में भी दो वर्ष के अंतराल में जमीन का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।


उन्होंने बताया कि जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति विभिन्न क्षेत्रों के लिए जमीन के दर का निर्धारण करेगी और इस दर में दस प्रतिशत से अधिक बढ़ोत्तरी नहीं होगी। सिमडेगा ग्रिड सब-स्टेशन एवं संबंधित संचरण लाइन के निर्माण के लिए पूर्व में स्वीकृत मूल परियोजना राशि 90.77 करोड़ रुपए को बढ़ाकर प्रथम पुनरीक्षित परियोजना राशि 123.69 करोड़ रुपएकी प्रशासनिक स्वीकृति और वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजट उपबंध राशि रुपए 101.1 करोड़ के विरूद्ध 32.92 करोड़ विमुक्त करने की स्वीकृति दी गई।


एक अन्य प्रस्ताव में जीएसटी लागू होने के बाद टीडीएस वापसी के लिए वाणिज्यकर विभाग के लिए 25 करोड़ रुपये की राशि झारखंड आकस्मिकता निधि (जेसीएफ) से बजटीय उपबंध करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। गोड्डा जिला के मेहरामा एवं महागामा प्रखंड में बिहार राज्य के साथ संयुक्त अंतरराज्यीय योजना बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर योजना के झारखंड राज्य में पड़ने वाले भाग के कार्यो के लिए प्रदत्त 103.31करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति में इस योजना को ए.आई.बी.पी. में शामिल करने की पूर्व अनुमति की शर्त को विलोपित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। वहीं झारनेट परियोजना के संचालन के लिए नए ऑपरेटर के चयन की प्रक्रिया पूरी होने तक अभी कार्यरत यूटीएल व विप्रो को ही 31 दिसंबर तक कार्य करने की अनुमति दी गई है। इस पर 16.17करोड़ का खर्च आएगा।


झारखंड राज्य में गिफ्ट मिल की योजना का क्रियान्वयन के लिए वित्तीय नियमावली के नियम 235 को नियम 245 से शिथिल करते हुए झारखंड मिल्क फेडरेशन को अभिकर्ता मनोनीत किए जाने का निर्णय लिया गया। वहीं पथ निर्माण विभाग के निर्माण कार्यों में यूटिलिटी शिफ्टिंग (बिजली एवं पेयजल एवं स्वच्छता इत्यादि इत्यादि से संबंधित) के कार्यों के प्रक्रिया में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

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