उन्होंने किसानों को एक साल तक बिना ब्याज के ऋण देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मई 2019 तक किसानों के लिए बिजली का अलग फीडर होगा। मुख्यमंत्री ने दूग्ध उत्पादन के लिए पचास प्रतिषत सब्सिडी देने की भी घोषणा की।
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि झारखण्ड में कृषि के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई, नई तकनीक की सुविधा और ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। सिंह ने कहा कि झारखण्ड में मछली पालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसी के साथ दूग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि चार वर्षों में कृषि के क्षेत्र में अनेक नए प्रयोग किए गए। उन्होंने बताया कि कृषि सेवाओं के लिए सिंगल विंडो की स्थापना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण, महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन, जलस्रोतों का पुनरूद्धान, डेयरी और मत्सय उत्पादन के क्षेत्र में वृद्धि तथा बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाने का प्रयास किया गया।
यह लोग रहे मौजूद
समिट को मंगोलिया के राजदूत गोन्चिंग गैनबोल्ड, एम्बसी ऑफ इजरायल की चार्ज दी अफेयर्स माया कदोष, कोको कोला इंडिया के वाँयस प्रेसिडेंट इष्तियाक अमजद, अमूल इंडिया के प्रबंध निदेषक आर.एस सोढी. और मदर डेयरी के बिजनेस हेड प्रदीप साहु समेत अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पचास फुड प्रोसेसिंग यूनिट की आधारषिला रखी गई और जैविक झारखंड ब्रांड की लांचिंग की गई।