रांची। झारखंड आन्दोलन के प्रमुख सेनानी डॉ बिश्वेश्वर प्रसाद केसरी के निधन पर सीएम रघुवर दास ने शोक जताया है। उन्होंने कहा कि डॉ केसरी शिक्षा विद होने के साथ साथ झारखंड का दर्द समझने वालों में थे। उनके निधन से जो शून्यता आयी है, उसे भरा नहीं जा सकता।
गौरतलब है कि डॉ बिश्वेश्वर प्रसाद केसरी का निधन रविवार रात 11 बजे मेडिका अस्पताल में हो गया था। 85 वर्ष के केसरी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। निमोनिया की शिकायत के बाद रविवार शाम उन्हें मेडिका अस्पताल लाया गया था जहां रात में उन्होंने आखिरी सांसें ली।
डॉ केसरी का अंतिम संस्कार 16 अगस्त को उनके पैतृक गांव पिठौरिया में होगा। वर्ष 1931 में पिठौरिया में जन्में डॉ केसरी ने प्राध्यापक के रूप में 1957 से डाल्टन गंज से करियर शुरू किया था। रांची विश्वविद्यालय में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग की शुरुआत करने में उनका अहम योगदान था।
नागपुरी के कवि और उनके काव्य नामक पुस्तक की रचना की जिसमें 1600 ई. से 2000 ई. तक के कवियों को शामिल किया गया।