पुलिस महानिदेशक ने कहा कि नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ कर मुख्य धारा में लौट आएं, अन्यथा उन्हें 6 इंच छोटा कर देंगे। डीजीपी ने कहा कि दिसंबर 2018 तक राज्य से पूरी तरह से नक्सलवाद का खात्मा होगा। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इसके पहले की नक्सलियों को पुलिस की गोली लगे, वे सरेंडर कर दें और जंगल छोड़ अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिताएं।
जब्त होगी संपत्ति
उन्होंने बताया कि नक्सलियों द्वारा अवैध तरीके से एकत्रित की गई संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है, साथ ही नक्सलियों के समर्थकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। नक्सली संविधान में आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अपनी बात रखें।
इससे पहले डीजीपी ने उपराजधानी दुमका के एसएसबी कैंप पिछले दिनों जिले के गोपीकांदर थाना क्षेत्र में दो नक्सलियों को मार गिराए जाने के बाद एसएसबी जवानों को भी संबोधित किया। उन्होंने जवानों से अपील की कि माओवादी देश के दुश्मन है। इन नक्सलियों के खिलाफ वे युद्ध करें। डीजीपी ने गोपीकांदर में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में शामिल ज़िला पुलिस और एसएसबी के जवानों को प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि एसएसबी के 35वीं बटालियन के विजयपुर दुमका स्थित मुख्यालय में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा।
समीक्षा में यह लोग रहे मौजूद
मौके पर आईजी ऑपरेशन आशीष बत्रा, आईजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता, आईजी एसएसबी संजय कुमार, दुमका एसपी किशोर कौशल, एसएसबी 35 वी बटालियन के कमांडेंट सोमित जोशी, असिस्टेंट कमांडेंट परीक्षित बेहरा, नरपतसिंह, एसडीपीओ पूज्य प्रकाश आदि मौजूद थे।